भारतीय रेल ने अपने यात्रियों को महफूज घर तक पहुंचाने के लिए एक बड़ा एहम फैसला लिया है। रेल मंत्रालय अपने यात्रियों को स्टेशन पर उतरते ही उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए उन्हें कैब की सुविधा देने जा रहा है। जिसके लिए प्रशासन एप आधारित कैब का सहारा लेगा। रेलवे स्टेशनों पर उतरने वाले यात्री अपनी मंजिल पर पहुंचने के लिए कैब से सफर कर सकेंगे। यह सुविधा होने पर स्टेशनों पर ऑटो और काली-पीली टैक्सी वालों की मनमानी से यात्रियों को निजात मिल सकेगा और यात्री ट्रेन से उतरने के बाद घर तक आराम से पहुंच सकेंगे। सभी रेल मंडल को आदेश दिया गया है कि स्टेशनों पर संविदा आधारित कैब संचालकों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराए।
 यह सुविधा होने पर स्टेशनों पर ऑटो और काली-पीली टैक्सी वालों की मनमानी से यात्रियों को निजात मिल सकेगा और यात्री ट्रेन से उतरने के बाद घर तक आराम से पहुंच सकेंगे। सभी रेल मंडल को आदेश दिया गया है कि स्टेशनों पर संविदा आधारित कैब संचालकों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराए।
अगर आपने एप के माध्यम से टैक्सी बुक की है तो आपको सामान ढोकर दूर तक जाने या कुलियों को अतिरिक्त पैसा देकर स्टेशन परिसर के बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। एप आधारित टैक्सी यात्रियों के लिए स्टेशन की पार्किंग में ही मौजूद रहेगी। रेलवे अपने परिसर में उन्हें जगह देगा, ताकि यात्री आराम से अपने घर तक पहुंच सके। रेल मंत्रालय का मानना है कि एप बेस्ड कैब सर्विस को लोग काफी पसंद कर रहे हैं।
रेल मंत्रालय के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर (नॉन फेयर रेवेन्यू) रंजन पी ठाकुर की तरफ से रेलवे के सभी जोन को पत्र लिखकर एप आधारित टैक्सी वालों के लिए रेलवे के सर्कुलर पर टेंडर निकालने का मसवरा दिया गया है। पत्र में कहा गया है कि बंगलूरू रेल मंडल में इसे प्रयोग किया जा रहा। यात्रियों को तो इससे फायदा है ही साथ ही रेलवे को भी 51 करोड़ रुपये मिल रहे हैं। लिहाजा ओला-उबर सरीखे एप आधारित टैक्सी संचालकों को कियोस्क व पार्किंग की सुविधा के लिए टेंडर निकाला जाए
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