प्रयागराज हत्‍याकांड: पुलिस को मिले सुसाइड नोट में हत्या और आत्महत्या का जिक्र एक साथ

प्रयागराज के नवाबगंज में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्‍या पिछले दिनों हुई थी। राहुल, उसकी पत्‍नी और तीन बेटियों की हत्‍या हुई थी। राहुल के सुसाइड नोट में हत्या और आत्महत्या का जिक्र एक साथ है। सुसाइड नोट ने पुलिस को भी काफी उलझन में डाल दिया है। अब सत्‍यता की जांच के लिए सुसाइड नोट को फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा। इससे पता लग सकेगा कि राहुल ने खुद लिखा था या फिर कोई और।

सुसाइड नोट में आखिर क्‍या लिखा था

राहुल के सुसाइड नोट ने पुलिस को भी काफी उलझन में डाला है। उसमें जय प्रकाश, मंजू, रामप्रकाश, ज्योति, सुनील, आशु, मैनेजर, संतोष, अवध किशोर, शिवम और नमोनारायण का नाम लिखते हुए घटना का जिम्मेदार ठहराया गया। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि यह लोग दो गाड़ी से आए और पत्नी व बच्चों की हत्या की। फिर ससुरालीजनों के उत्पीडऩ से परेशान होकर राहुल ने स्वयं के खुदकशी की बात लिखी। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि अगर सुसाइड नोट राहुल का है तो क्या उसने साले समेत अन्य पर हत्या को आरोप भी मढ़ा है। जबकि कहानी कुछ और सामने आ रही है। फिलहाल पुलिस का तर्क है कि सभी तथ्यों का बारीकी से अध्ययन करके ही किसी निष्कर्रष् पर पहुंचा जा सकता है।

सुसाइड नोट फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा

फोरेंसिक टीम ने जिस दो पेज के सुसाइड नोट को बरामद किया था, उसे अब फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि सुसाइड नोट को राहुल ने लिखा था या नहीं। विवेचक ने सुसाइड नोट की छाया प्रति ली और जांच की। अब मूल सुसाइड नोट को लैब भेजा जाएगा। दरअसल, पुलिस को कुछ लोगों ने बता दिया था कि राहुल निरक्षर था, जबकि कुछ ने उसके इंटरमीडिएट पास होने की जानकारी दी थी। ऐसे में सुसाइड नोट की असलियत का पता लगाना बेहद जरूरी माना जा रहा है।

पूरे मामले की जांच वैज्ञानिक साक्ष्यों पर टिकी, जुटाए जा रहे सबूत

महिला समेत चार की हत्या और परिवार के मुखिया की आत्महत्या की कहानी काफी उलझी हुई है। एक तरफ पुलिस ने राहुल के भाई की तहरीर हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए चार आरोपितों को जेल भेज दिया तो दूसरी तरफ पूरी घटना का जिम्मेदार राहुल को माना जा रहा है। ऐसे में पुलिस के सामने बड़ा सवाल यह है कि ठोस सबूत किस बिंदु के पक्ष में है। अगर हत्या का मामला है तो उससे संबंधित कितने साक्ष्य हैं और अगर नहीं तो खिलाफ में कितने, किस तरह के सबूत हैं। इसको लेकर पूरे मामले की जांच वैज्ञानिक साक्ष्यों पर टिक गई है। यानी हत्या या कत्ल के बाद आत्महत्या के एंगल पर जितने साक्ष्य मिलेंगे, उसी के आधार पर केस डायरी तैयार करते हुए कोर्ट में चार्जशीट फाइल की जाएगी।

पुलिस की थ्‍योरी क्‍या है

हालांकि घटनास्थल के स्थलीय निरीक्षण, परिस्थितिजन्य साक्ष्य और तथ्य के आधार पर पुलिस की थ्योरी हत्या के बाद आत्महत्या के बिंदु पर मजबूत होती दिखी है। कहा जा रहा है कि अगर इससे संबंधित ठोस साक्ष्य मिलते हैं तो मुकदमे को हत्या की बजाय आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में तरमीम कर दिया जाएगा। शायद यही कारण है कि हत्या में प्रयुक्त चापड़ को गिरफ्तार अभियुक्तों की निशानदेही पर बरामदगी नहीं दिखाई गई है। नामजद आरोपितों के विरुद्ध हत्या का सीधा साक्ष्य नहीं मिल सका है, लेकिन उत्पीडऩ करने का दोषी माना जा रहा है। फिलहाल, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विवेचना दोनों बिंदुओं पर चल रही है। सच्चाई और साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com