प्रेग्नेंसी में टिटनेस की समस्‍या से बचने के ल‍िए ट‍िटनेस शॉट लगाया जाता, जानें इस वैक्‍सीन से जुड़ी जानकारी-

प्रेग्नेंसी में लगने वाली वैक्‍सीन्‍स में, ट‍िटनेस शॉट को अहम माना जाता है। टिटनेस इंफेक्शन के कारण, हर साल कई नवजात श‍िशु‍ओं की अपनी जान गंवानी पड़ती है। ट‍िटनेस शॉट लेने से, प्रीमेच्‍योर बर्थ की समस्‍या से भी बचाव होता है। टिटनेस टॉक्साइड वैक्‍सीन लगवाने से, प्रेग्नेंट मह‍िला और भ्रूण दोनों को सुरक्ष‍ित रखा जा सकता है। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी में चोट लगने पर इन्‍फेक्‍शन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में, शरीर को संक्रमण से बचाने के ल‍िए इंजेक्‍शन लगवाना चाह‍िए।ट‍िटनेस, एक गंभीर रोग है जो क्लोस्ट्रीडियम बैक्टीरिया के कारण होता है। ये बैक्‍टीर‍िया, धूल-म‍िट्टी, लार आद‍ि में पाया जाता है। अगर शरीर में चोट लगी है, तो चोट या कटे हुए भाग से ये बैक्‍टीर‍िया शरीर में प्रवेश कर लेता है। लोहे की चीज से चोट लगने पर भी ट‍िटनेस का इंजेक्‍शन लगाया जाता है। ट‍िटनेस इन्‍फेक्‍शन होने पर, मांसपेश‍ियों में दर्द और ख‍िंचाव महसूस होता है। ट‍िटनेस इन्‍फेक्‍शन होने पर, भोजन न‍िगलने में भी तकलीफ महसूस होती है। आपके मन में सवाल उठ रहा होगा क‍ि प्रेग्नेंसी में टिटनेस शॉट कब लेना चाह‍िए। इस सवाल का जवाब, आगे लेख में जानेंगे।

प्रेग्नेंसी में टिटनेस का इंजेक्शन कब लगता है?-

प्रेग्नेंसी में टिटनेस टॉक्सोइड (टीटी) की 2 खुराक लेनी होती है। पहली डोज लगने के 4 हफ्ते बाद, दूसरी डोज लगाई जाती है। प्रेग्नेंसी का पता चलते ही, डॉक्‍टर की सलाह पर पहली डोज लगवा लेनी चाह‍िए। अगर आप 3 साल में दो बार प्रेग्नेंट हुई हैं और ट‍िटनेस का टीका लग चुका है, तो दूसरी प्रेग्नेंसी में स‍िर्फ एक ही डोज द‍िया जाएगा। इस डोज को बूस्‍टर डोज कहते हैं।

प्रेग्नेंसी में टिटनेस वैक्‍सीन लगाना क्‍यों जरूरी है?-

ट‍िटनेस इन्‍फेक्‍शन शरीर के नर्वस स‍िस्‍टम पर असर डालता है। कुछ मामलों में ये एक जानलेवा बीमारी भी साब‍ित हो सकती है। प्रेग्नेंसी में टिटनेस वैक्‍सीन लेने से, गर्भस्‍थ श‍िशु का संक्रमण से बचाव होता है। ड‍िलीवरी के बाद भी, कुछ समय तक श‍िशु को इन्‍फेक्‍शन से बचाने के ल‍िए, ट‍िटनेस शॉट फायदेमंद माना जाता है। टीटी शॉट लेने से, शरीर में एंटीबॉडीज बनती हैं, जो बीमार‍ियों से बचाव का काम करती हैं। श‍िशु और मां को बैक्‍टीर‍ियल इन्‍फेक्‍शन से बचाने के ल‍िए, ये इंजेक्‍शन लगवाना जरूरी है। अगर आपकी इम्‍यून‍िटी कमजोर है, तो प्रेग्नेंसी में बीमार‍ियों का खतरा बढ़ जाएगा। इसे कम करने के ल‍िए हर मह‍िला को प्रेग्नेंसी में टीटी शॉट लगना चाह‍िए।

क्‍या टिटनेस इंजेक्शन लगवाने से नुकसान भी होते हैं?

टीका लगने के बाद बुखार, शरीर में दर्द, सूजन या हाथ में दाने हो सकते हैं। ये लक्षण 1 से 2 द‍िनों में ठीक हो जाते हैं। इस दौरान डॉक्‍टर, पैरास‍ि‍टामॉल लेने की सलाह नहीं देते। बुखार 24 घंटों में ठीक हो जाता है। हर मह‍िला को ये लक्षण महसूस हो, ऐसा जरूरी नहीं है। टीका लगने पर हल्‍का दर्द भी महसूस होता है जो थोड़े समय में ठीक हो जाता है। सूजन और दर्द को कम करने के ल‍िए, बर्फ का इस्‍तेमाल कर सकती हैं। ज‍िस जगह सूजन है, उसे बार-बार छूने से बचें। टिटनेस इंजेक्शन, लगवाने से पहले, वैक्‍सीन की पूरी जानकारी लें ताक‍ि आपके मन में क‍िसी तरह की शंका न रहे। इंजेक्‍शन लगवाने से पहले चेक करें क‍ि वैक्‍सीन की शीशी पैक्‍ड हो और नया इंजेक्‍शन इस्‍तेमाल क‍िया गया हो।
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