इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के चलते फिलिस्तीन चौतरफा घिरता नजर आ रहा है। जानकारी मिली है कि अमेरिका समेत 6 देशों ने फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) की अतिरिक्त फंडिंग को बंद कर दिया है। दरअसल, इजरायल ने हाल ही में यूएनआरडब्ल्यूए के 12 कर्मचारियों पर 7 अक्टूबर को हमास के आतंकवादी हमले में शामिल होने का आरोप लगाया था। जिसके बाद एजेंसी ने उन कर्मचारियों की जांच शुरू कर सभी को बर्खास्त कर दिया।
अमेरिका ने उठाई जांच की मांग
जानकारी के अनुसार, इजरायल के इन आरोपों के बाद अमेरिका समेत ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और फिनलैंड ने UNRWA एजेंसी की अतिरिक्त फंडिंग पर रोक लगा दिया। अमेरिकी विदेश विभाग ने इस पूरे मामले पर बयान जारी करते हुए कहा कि, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस मामले की गहन और त्वरित जांच की आवश्यकता पर जोर देने के लिए 25 जनवरी को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से बात की।
सजा की जरुरत नहीं थी – UNRWA संस्था
वहीँ, इस पूरे मामले पर खुद यूएनआरडब्ल्यूए के कमिश्नर-जनरल फिलिप लेज़ारिनी की प्रतिक्रिया सामने आई है। फिलिप ने एक्स पर कहा, गाजा में फिलिस्तीनियों को इस अतिरिक्त सामूहिक सजा की जरुरत नहीं थी। “यह हम सभी पर कलंक की तरह है।” एजेंसी ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा कि उसने कई कर्मचारियों की जांच शुरू कर दी है और उन लोगों से संबंध तोड़ दिए हैं।
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2022 को हमास ने इजरायल में मौजूद 9 महीने से लेकर 80 साल तक की 3,000 से ज्यादा महिलाओं, बच्चों और पुरुषों पर आतंकी हमला किया था।जिसमें कई महिलाओं के साथ दु्ष्कर्म करने के बाद उनकी हत्या तक कर दी गई थी। इस आतंकी हमले में जहाँ 1,405 इजरायलियों की जान चली गई तो वहीँ, 200 से अधिक लोगों को बंधक भी बनाया गया था।