उत्तरी कोरिया अपने खिलाफ बन रहे माहौल और दबाव को अनदेखा करते हुए लगातार आक्रामक रुख दिखा रहा है। प्योंगयांग ने शनिवार सुबह एक और ब्लास्टिक मिसाइल का परीक्षण किया।
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उत्तरी कोरिया द्वारा किए गए मिसाइल परीक्षण के बाद स्थितियां और तनावपूर्ण हो गई हैं। इसी के मद्देनजर जापान, फ्रांस, अमरीका और ब्रिटेन पहला साझा सैन्य अभ्यास शुरू करने जा रहे हैं। इसी में भाग लेने के लिए फ्रांस का लड़ाकू जहाज दक्षिण-पश्चिमी जापान में स्थित सासेबो नौसेना अड्डे पर पहुंचा।
उत्तरी कोरिया को लेकर अमरीका का रुख बेहद सख्त
बता दें कि उत्तरी कोरिया को लेकर अमरीका का रुख जहां बेहद सख्त है, वहीं रूस और चीन ने उसे चेतावनी देते हुए अपने पैर पीछे खींच लेने को कहा है। ऊधर अमरीका के राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि अगर उत्तरी कोरिया परमाणु हथियार विकसित करने का अपना कार्यक्रम बंद नहीं करता, तो अमरीका और प्योंगयांग के बीच युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। जापान के जॉइंट स्टाफ ने एक बयान जारी कर बताया कि इस सैन्य अभ्यास का मकसद चारों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करना है। इस ड्रिल के अलावा अमरीका ने भी प्रशांत महासागर के पश्चिमी हिस्से में जंगी विमानों के एक बेड़े को भी तैनात करने का फैसला किया है।
अमरीका और रूस-चीन के बीच चल रही इन चेतावनियों के बीच जापान, US, फ्रांस और ब्रिटेन 3 मई से प्रशांत महासागर में एक संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू करने जा रहे हैं। यह ड्रिल 22 मई तक चलेगा। चारों देशों के कुल 700 सैन्य अधिकारी और जवान इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे।