फ्रांस से अलग होने के मुद्दे पर रविवार को न्यू कैलेडोनिया में जनमत संग्रह का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने मतदान किया। अगर यहां के लोग फ्रांस से अलग होने का समर्थन करते हैं तो पेरिस के हाथ से प्रशांत क्षेत्र में स्थित सबसे बड़ा आयात क्षेत्र निकल जाएगा। इस निर्णय से फ्रांस के औपनिवेशिक गौरव को भी चोट पहुंचेगी, जिसकी पहुंच कभी कैरेबियन, अफ्रीका के बड़े हिस्से, एशिया और प्रशांत क्षेत्र तक थी। न्यू कैलेडोनिया 1853 से फ्रांस का हिस्सा है और यह दक्षिण-पश्चिम प्रशांत का एक सुदूर द्वीप क्षेत्र है।
न्यू कैलेडोनिया के हाई कमिश्नर कार्यालय के मुताबिक रविवार देर शाम तक लगभग 80 फीसद मतदान होने का अनुमान है। मतदान में न्यू कैलेडोनिया के एक लाख अस्सी हजार से अधिक स्थायी निवासी हिस्सा ले रहे हैं। फ्रांस से अलग होने के मुद्दे पर न्यू कैलेडोनिया में लंबे समय से एकराय नहीं है।
वर्ष 2018 में भी इस मुद्दे पर जनमत संग्रह हुआ था, लेकिन वहां के लोगों ने फ्रांस से अलग होने के खिलाफ अपनी राय जाहिर की थी। हालांकि तब से लेकर अब तक स्वतंत्रता की धारणा मजबूत हुई और यही वजह है कि रविवार को हुए जनमत संग्रह पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। दरअसल, यह जनमत संग्रह वर्ष 1998 में फ्रांस, कनक एंड सोशलिस्ट नेशनल लिबरेशन फ्रंट और स्वतंत्रता विरोधी नेताओं के बीच हुए एक समझौते के तहत हो रहा है। यह क्षेत्र ऑस्ट्रेलिया से 1200 किमी पूर्व में स्थित एक द्वीप श्रृंखला है। फ्रांस की राजधानी पेरिस से इसकी दूरी 20 हजार किमी है। इस द्वीप क्षेत्र को काफी हद तक स्वायत्तता हासिल है, लेकिन रक्षा और शिक्षा जैसे मुद्दों पर इसकी फ्रांस पर बहुत अधिक निर्भरता है।