आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि रोजगारपरक क्षेत्र परिधान व लेदर क्षेत्र में और अधिक रोजगार के सृजन के लिए श्रम व टैक्स ढांचे में सुधार की जरूरत है। ये दोनों ही क्षेत्र सामाजिक बदलाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं। सर्वे में कहा गया है कि परिधान व फुटवियर दोनों ही क्षेत्रों के लिए घरेलू स्तर पर तार्किक कर नीति बनाए जाने की जरूरत है ताकि वैश्विक बाजार मेें भी परिधान व फुटवियर दूसरों का मुकाबला कर सकें।
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सर्वे में इस बात का जिक्र है कि चीन में श्रमिकों की बढ़ती लागत की वजह से परिधान व लेदर दोनों ही क्षेत्रों के बाजार में चीन की हिस्सेदारी कम हो रही है। ऐसे में, भारत के लिए इन दोनों क्षेत्रों में खुद को आगे लाने का मौका है। सर्वे में कहा गया है कि भारत के कई राज्यों में मजदूरी लागत कम है। इसलिए भारत, चीन की घटती हिस्सेदारी का लाभ उठाने में पूरी तरह सक्षम है।