बजट सत्र के लिए भी कांग्रेस के तरकस में ढेरों तीर हैं लेकिन उसे इंतजार है रणभेरी का। कांग्रेस चाहती है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण और सालाना बजट पर चर्चा के साथ ही पांच अन्य ज्वलंत मुद्दों पर भी चर्चा हो।

गुलाम नबी आजाद ने बताया कि सभी दलों के साथ हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में सभी विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि मार्च में फिर से बैठक बुलाई जानी चाहिए क्योंकि बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति अभिभाषण और बजट के अलावा अन्य राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकेगी। उनका कहना है कि फिर भी पार्टी ने मांग की है कि इस सत्र में समय निकालकर सीमा पर हो रही आतंकवादी गतिविधियों उसमें मारे जा रहे जवान और नागरिकों को लेकर चर्चा होनी चाहिए। अभिभाषण पर राहुल का तीखा पलटवार, बोले- फेल रही है ये सरकार
बर्फ में दबकर मरे सैनिकों का मामला भी चिंता का विषय है इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि हमने नोटबंदी पर भी चर्चा की बात रखी है लेकिन अभी तक स्वीकार नहीं किया है। बावजूद हम अभिभाषण और बजट पर चर्चा के दौरान इन मुद्दों को उठाएंगे।
ओपिनियन पोल: यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन बनाएगी सरकार, और ये होगा भाजपा हश्र?
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्ल्किर्जुन खडग़े ने कहा कि नोटबंदी के साथ पिछले सत्र में लाए गए मनी बिल पर भी चर्चा हो। आरबीआई की स्वायत्ता के साथ खिलवाड़ पर चर्चा हो। सीबीआई में गलत तरीके से नियुक्ति और चयन के तरीके पर चर्चा हो। योजना आयोग की जगह बनाए गए नीति आयोग पर चर्चा हो ताकि राज्यों समस्याएं हल हो सकें क्योंकि आयोग राज्यों की दिक्कतें दूर करने से पीछे हट गया है।