शोधकर्ताओं का मानना है कि बेड पर सीधे यानी पीठ के बल सोना हमारे सौंदर्य में इजाफा करता है। करवट से सोने से हमारे चेहरे पर दबाव पड़ता है, जिससे कोलेजन में व्यवधान आता है और चेहरे पर पतली लकीरें नजर आने लगती हैं। सोने का यह तरीका हमारी सुंदरता बढ़ाने में कारगर है। स्मार्टफोन और लैपटॉप का हमारी नींद पर गहरा असर पड़ता है। डॉ. मीडोज कहते हैं कि ये उपकरण सोने में व्यवधान डालते हैं।
नींद के शुरुआती घंटों को स्वर्णिम समय कहा जाता है। इसमें आई रुकावट से शरीर पर अच्छा प्रभाव डालने वाले हार्मोन का उत्पादन और उनका स्राव बाधित होता है। अगर सोने का कमरा या बेड अस्त-व्यस्त है, तो कॉर्टिसोल हार्मोन पर विपरीत असर पड़ता है। इस हार्मोन के कारण त्वचा का लचीलापन बरकरार रखने वाले और झुर्रियों को दूर करने वाला प्रोटीन कोलेजन प्रभावित होता है। सोने की जगह साफ और व्यवस्थित होनी चाहिए। सोने से कुछ घंटे पहले कमरे में धीमी आवाज में सुकून देने वाला संगीत चलाकर रोशनी धीमी कर दें।
संयुक्त राज्य अमरीका में हुए शोध में पता चला है कि यह व्यक्ति की उम्र पर निर्भर करता है कि उसे कितनी नींद चाहिए। नवजातों को किसी भी उम्र के लोगों से ज्यादा सोने की जरूरत होती है। अमेरिका के वर्जीनिया स्थित नेशनल स्लीप फाउंडेशन का कहना है कि हर व्यक्ति की जीवनशैली उसकी नींद की जरूरत समझने का आधार होती है।
एक दिन से तीन माह के नवजात को हर दिन 14 से 17 घंटे की नींद की जरूरत होती है। चार माह से 11 माह के शिशुओं के लिए 12 से 15 घंटे की नींद जरूरी है। एक से दो साल के बच्चों के लिए 11 से 14 घंटे की नींद पर्याप्त होती है। तीन से पांच साल के बच्चों के लिए 10 से 13, 14 से 17 साल के किशोरों के लिए आठ से दस, 18 से 25 साल के युवाओं व वयस्कों के लिए 7 से 9 और कम से कम छह से 11 घंटे की नींद जरूरी है। वहीं, 50 से 65 साल के वृद्ध लोगों के लिए सात से आठ घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है।
नेशनल स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक, अच्छी सेहत के लिए टाइम से सोना और जागना, शराब व नशीले पदार्थों का सेवन न करना, सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल आदि का प्रयोग न करना जरूरी है।
पर्याप्त नींद न लेने से बॉडी क्लॉक प्रभावित होती है, जिससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। पर्याप्त नींद की कमी से चेहरे की चमक का खो जाना, चेहरे पर झुर्रियां आना, बालों का सफेद होना, आंखों में तनाव, बीपी की समस्या, दिल संबंधी बीमारियों का खतरा, आंखों के नीचे काले निशान, कार्यक्षमता का प्रभावित होना, पाचन तंत्र की गड़बड़ी आदि समस्याएं हो सकती हैं। पर्याप्त नींद न लेने से मोटापा, ब्रेन डैमेज होने जैसी समस्या भी हो सकती है। सोने से पहले गैजेट्स का प्रयोग न करें। शराब सिगरेट, चाय, कॉफी या भारी खानपान न लें।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features