बस्ती फुटहिया चौराहे पर ध्वस्त हुए फोरलेन के निर्माणाधीन ओवरब्रिज की जांच के लिए चार सदस्यीय केंद्रीय टीम बस्ती पहुंची। तीन वाहनों से अधिकारी दोपहर बाद तीन बजे घटनास्थल पर पहुंचे। यहां केंद्रीय राज्य सड़क मंत्रालय लखनऊ रीजन के जिम्मेदार अफसर और निर्माण कंपनी के अधिकारी मौजूद रहे। टीम ने पहले दूर खड़े होकर ध्वस्त ब्रिज का जायजा लिया। इसके बाद मलबे के नजदीक आकर बारीकी से मुआयना किया। टीम के लोग ध्वस्त ब्रिज का चारों तरफ से फोटोग्राफी भी करते रहे। एक-एक ¨बदु पर निर्माण कंपनी और मंत्रालय के स्थानीय अधिकारियों से सवाल किया। ज्यादा पूछताछ ब्रिज के मैटेरियल और लोहे के बनाए गए सांचे पर हुई। निर्माण कंपनी की ओर से किसी भारी वाहन द्वारा ठोकर मारने की बात कही गई।
टीम में शामिल तकनीकी विशेषज्ञ इस तर्क को सिरे से खारिज करते रहे। कहा कि ठोकर लगने से ब्रिज हिल सकता था, क्रेक हो सकता था, लेकिन गिरने की गुंजाइश नहीं बनती है। टीम को सामग्रियों की गुणवत्ता पर बार-बार संदेह हुआ। कंक्रीट के दो टुकड़े सैंपल में लिए गए। इसके अलावा निर्माण कंपनी से ब्रिज का डिजाइन और ड्राइंग भी लिया गया। करीब डेढ़ घंटे तक विभिन्न ¨बदुओं पर टीम जांच करती रही। ब्रिज में प्रयुक्त सरिया का मापन भी कराया गया। ब्रिज के ऊपर चढ़कर विशेषज्ञों ने बारीकी से मुआयना किया। इसके बाद टीम जिलाधिकारी डा. राजशेखर से मिलने पहुंची। उनसे बातचीत करके गोरखपुर के लिए रवाना हो गई। टीम में डायरेक्टर जनरल आरडी एंड एसएस एनके सिन्हा, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर एमओआरटीएच बीके सिन्हा, सीनियर ¨प्रसिपल साइंटिस्ट इंजीनिय¨रग एंड स्ट्रक्चर्स डिवीजन सीआरआरआइ जीके साहू, चीफ इंजीनियर एनएच डिवीजन यूपी पीडब्ल्यूडी आरआर ¨सह शामिल हैं। मौके पर एमओआरटीएच के चीफ इंजीनियर दिग्विजय मिश्र, अधिशासी अभियंता आशीष शुक्ल, एसडीएम सदर श्री प्रकाश शुक्ल, सीओ अर¨वद वर्मा, थानाध्यक्ष राम आशीष यादव भी मौजूद रहे।