पाकिस्तान जाकर वहां के सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलने के मामले में नवजोत सिंह सिद्धू फंसते जा रहे हैं. राजनेताओं की आलोचनाओं के बाद अब शहीदों के परिवारों ने उनके खिलाफ एक्शन लेने की मांग की है.
कांग्रेसी नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू 18 अगस्त को इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में गए थे. वह भारत से जाने वाले इकलौते राजनेता या खिलाड़ी थे. वहां उनके पाक सैन्य प्रमुख से गले मिलने पर भारतीय मीडिया में सवाल उठाए गए. इसके बाद विभिन्न दलों के राजनेताओं ने उन्हें अपने निशाने पर ले लिया था.
अब पंजाब के तीन शहीदों के परिवार ने भी सिद्धू के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की है. इन परिवारों के बेटे सोमवार को ही शहीद हुए. इन परिवारों ने कहा है कि सिद्धू के इस कदम से वे आहत हुए हैं.
इन परिवारों में 1 मई 2017 को शहीद हुए परमजीत सिंह के बेटे और भाई भी शामिल हैं. पाकिस्तान की सेना ने परमजीत का सिर काट लिया था और उनके शव को भी क्षत-विक्षत कर दिया था.
परमजीत के बड़े भाई रंजीत सिंह ने कहा है, ‘पंजाब के मुख्यमंत्री उनकी इस हरकत का विरोध कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सिद्धू के खिलाफ कदम उठाना चाहिए. उन्होंने दुश्मन को गले लगाया है.’
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी सिद्धू के इस कदम को कदम को गलत करार दिया था. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को कहा था कि जनरल बाजवा की ड्रेस पर बकायदा उनका नाम खुदा था इसलिए उनको गले लगाने की गलती नहीं की जानी चाहिए थी.
वहीं, शिरोमणि अकाली दल ने सिद्धू के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की थी.