बाबा की उर्फियत से जाने जाते रहे जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष करुणाकर मिश्र का निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। मूलत: इसी जिले के ग्राम फतेहपुर कमासिन के रहने वाले मिश्र कुछ समय से बीमार चल रहे थे। इन दिनों वे साकेतपुरी स्थित एक निजी चिकित्सालय में भर्ती थे और रविवार को सुबह यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. निर्मल खत्री, एआईसीसी सदस्य राजेंद्र प्रताप सिंह, जिला कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष रामदास वर्मा, पूर्व महानगर अध्यक्ष सुनील पाठक आदि ने मौके पर पहुंच शोक व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। सन 1972 में साकेत महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने जाने के साथ पहचान बनाने वाले बाबा की गणना जिले के संभावनाशील राजनेताओं में होती रही। हालांकि वे उम्मीदों से न्याय नहीं कर सके। उन्होंने एक बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और एक बार कांग्रेस के टिकट पर विस चुनाव के अलावा विधान परिषद के चुनाव में भी किस्मत आजमायी। राजनीतिक मूल्यों, संघर्षशीलता, सामाजिक सरोकार और लोकशाही से जुड़ी प्रतिबद्धता के लिए भी उन्हें याद किया जाता रहेगा। आपातकाल के दौर में, जब देश लोकतांत्रिक अस्मिता की अंगड़ाई ले रहा था, तब श्रीराम द्विवेदी, जयशंकर पांडेय, माताप्रसाद तिवारी के साथ करुणाकर बाबा की चौकड़ी राजनीतिक गलियारे में काफी सम्मान से देखी जाती थी। द्विवेदी और पांडेय की तरह बाबा भले ही विधायक नहीं बन सके थे, पर समझ, संवाद और लोगों को जोड़ने की सामर्थ्य के चलते उनका लंबे समय तक प्रभाव बना रहा।