अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने के लिए शुक्रवार की सुबह साधु संतों का एक दल उज्जैन से अयोध्या के लिए रवाना हुआ। लेकिन इसके पहले संतों ने बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन, अभिषेक कर उनका आशीर्वाद लिया। फिर उसके बाद वे अयोध्या जाने के लिए रवाना हुए। अयोध्या में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की खुशियां वैसे ही साधु संतों के चेहरे से नजर आ रही थीं। संतों के मुताबिक, लगभग 550 वर्षों के बाद यह सुख अवसर आया है, जब भगवान श्री राम लला मंदिर में विराजमान होंगे।
दरअसल, शुक्रवार की सुबह विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में एक अलग ही नजारा देखने को मिला। जहां आगे ढोली और उसके पीछे साधु संत मंदिर के गर्भ गृह में भगवान का पूजन अर्चन करने जा रहे थे। साधु संतों ने गर्भ गृह में बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन और अभिषेक किया। फिर नंदी हॉल में बैठकर न सिर्फ ध्यान लगाया, बल्कि अयोध्या जाने के पहले भगवान महाकाल का आशीर्वाद भी लिया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर की जनसंपर्क प्रभारी गोरी जोशी ने बताया कि आज सुबह वाल्मिकी धाम के पीठाधीश्वर उमेशनाथ महाराज महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीत गिरी, महामंडलेश्वर अतुलेशानंद सरस्वती (आचार्य शेखर), भर्तृहरि गुफा के पीर महंत रामनाथ महाराज, ज्ञानेश्वर महाराज और अन्य साधु संत बाबा महाकाल के मंदिर पहुंचे थे।
उन्होंने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में उन्होंने भगवान का पूजन अर्चन किया और उसके बाद अयोध्या के लिए रवाना हो गए। इस दौरान साधु संतों का पुष्पहार पहनाकर स्वागत अभिनंदन किया गया। भगवान महाकाल के दर्शन करने के बाद सभी साधु संत ई कार्ट में बैठकर महाकाल लोक पहुंचे। उसके बाद वे यहां से अपनी गाड़ियों से रवाना हुए।
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