बीएचयू मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इसमें बाहरी लोगों का हाथ है, इसे प्लान किया गया है. सीएम ने कहा कि इसे इसलिए बढ़ाया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास का एजेंडा डिरेल हो सके.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे पास उन सभी लोगों की की फेहरिस्त है जो अराजक तत्व में शामिल हैं, हमारे कैमरे में सभी के चेहरे कैद हैं. उन्होंने कहा कि इसकी सूचना हमने पहले ही बीएचयू को दी थी इसके बावजूद भी ऐसा हुआ.
योगी ने कहा कि हमने मामले की पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है. जिस लड़की के साथ छेड़खानी हुई है उसके साथ न्याय होगा. हम अभी मजिस्ट्रेट रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं, ये मामला विश्वविद्यालय कैंपस के भीतर का है इसलिए सरकार इसमें दखल नहीं कर सकती है. लेकिन जितना हो सकेगा सरकार करेगी. सीएम ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को संवादहीनता नहीं रखना चाहिए थी.
बता दें कि अब बीएचयू में लाठीचार्ज और बवाल की जांच का जिम्मा क्राइम ब्रांच ने संभाल लिया है. इंस्पेक्टर राहुल शुक्ला के नेतृत्व में पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम बीएचयू के उस कंट्रोल रूम में पहुंची जहां से पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाती है. क्राइम ब्रांच ने 21 सितंबर से लेकर मंगलवार तक के सीसीटीवी फुटेज कब्जे में ले लिए. क्राइम ब्रांच ने लंका क्षेत्र में लगे अन्य सीसी कैमरों की फुटेज भी अपने कब्जे में ली है.
बीएचयू कैंपस के बाहर छात्राएं बीते शुक्रवार से छेड़छाड़ के विरोध में धरने पर बैठी थीं. इसके बाद शनिवार शाम को पुलिस ने लाठीचार्ज किया. बीएचयू में हुई हिंसा और तनाव पैदा होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने दशहरा अवकाश अकादमिक कैलेंडर से एक दिन पहले ही घोषित कर दिया. इस मामले को लेकर वाराणसी के साथ-साथ दिल्ली समेत देश भर में प्रदर्शन हुए थे. यूपी सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे.b
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