गंगा और यमुना नदियों में आई ज़बरदस्त बाढ़ की वजह से हफ्ते भर तक बंद रहे इलाहाबाद के संगम पर स्थित लेटे हुए हनुमान जी मंदिर के कपाट शनिवार की शाम को फिर से खोल दिए गए हैं. बाढ़ का पानी हटने के बाद शनिवार को मंदिर कैंपस की सफाई की गई और भरे हुए पानी को निकाला गया. इसके बाद लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया गया.
श्रृंगार और विशेष आरती के बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. हफ्ते भर बाद मंदिर के कपाट खुलने के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद थी. इस मौके पर मौजूद श्रद्धालु भक्ति भाव में डूबे हुए नजर आए
इलाहाबाद में पिछले हफ्ते गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया था. नदियों में आई ज़बरदस्त बाढ़ ने संगम स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर को अपनी आगोश में ले लिया था. दो दिन तक तो मंदिर में दर्शन-पूजन होता रहा, लेकिन नौ सितम्बर की सुबह पानी ज़्यादा बढ़ने पर मंदिर को पूरी तरह बंद कर दिया गया.
मंदिर बंद रहने के दौरान श्रद्धालु नाव से आकर बाहर से ही नमन कर चले जाते थे. समूची दुनिया में यह इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी लेटी हुई अवस्था में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. इस मंदिर का समूची दुनिया में ख़ास महत्व है और देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से श्रद्धालु यहां दर्शन-पूजन के लिए आते हैं.
मान्यताओं के मुताबिक़ हनुमान मंदिर में गंगा-यमुना की बाढ़ का पानी आना काफी शुभ माना जाता है. ऐसा माना है कि जिस साल गंगा मइया अपने मइया अपने जल से हनुमान जी को नहलाती हैं, उस साल इलाहाबाद में कोई दैवीय आपदा नहीं आती और पूरा साल शांति व सुकून के साथ बीतता है. इलाहाबाद में कुछ महीनों बाद कुंभ का मेला लगना है. ऐसे में गंगा का पानी हनुमान मंदिर तक आना ख़ासा शुभ माना जा रहा है