जयपुर : कभी सूखे की मार तो कभी बाढ़ की परेशानी झेलते गरीब किसानों के लिए खुशी की बहार लाई है थार के अनार की खेती।
लगातार अकाल और कम बारिश का दंश झेल रहे सरहदी जिले बाड़मेर में किसानों के लिए थार का अनार वरदान साबित हो रहा है।अगर आपके पास है पैन कार्ड, तो जरुर पढ़े ये खबर का हुए हैं ये बड़े बदलाव
बाड़मेर के किसान बरसों पुरानी परम्परागत खेती छोड़कर नई तकनीकि के साथ अनार, बेर और खजूर की खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। बालोतरा उपखंड के बुड़ीवाडा, जागसा आदि गांवों के किसान इनकी खेती से खुशहाल हैं।

किसानों के अनुसार बीते कुछ वर्षों से सरकार की ओर से उन्नत कृषि को लेकर किसानों को जागरुक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही है। उन्हें कम पानी में खेती, बून्द-बून्द सिंचाई और नए किस्मों की जानकारी के लिए देशभर आयोजित होने वाले सेमिनारों और राज्यों की कृषि की जानकारी उपलब्ध करवा रही है, जिसका फायदा यहां के किसानों को मिला है।

हालही में मुख्यमंत्री ने बाड़मेर दौरे के दौरान अनार की पैदावार को देखते हुए इसे ‘थार अनार’ का नाम दिया था। कृषि विभाग भी इस क्षेत्र में अनार की सफल खेती से उत्साहित है और जिले के अन्य अभावग्रस्त क्षेत्रों में भी किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
समय-समय पर कृषि मेले सहित अन्य कार्यक्रमों के जरिए किसानों को उन्नत खेती और फल उत्पादन के प्रति जागरुक किया जा रहा है। आज बालोतरा उपखंड के आलावा चोहटन, धोरीमन्ना, शिव में भी अब अनार और खजूर की खेती की ओर किसानों की रुचि बढ़ने लगी है।
थार का अनार अब देश के कोने-कोने में अपनी पहचान बनाने लगा है। बालोतरा के साथ अब पूरे जिले में इसकी खेती से उत्पादन में बढ़ोतरी होने की सम्भावना बढ़ी है, जिससे बरसों से अभाव झेल रहा यहां का किसान भी खुश नजर आने लगा है।
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