बिहार में हुए उपचुनाव में भले ही आरजेडी अपनी जीत का जश्न मना रही है, लेकिन एनडीए इससे मायूस नहीं है. विधानसभा में पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि अररिया के 6 विधानसभा क्षेत्र में से 4 पर एनडीए की जीत हुई है. यही नहीं, नरपतगंज विधानसभा क्षेत्र जहां से आरजेडी का सीटिंग विधायक है, वहां भी एनडीए ने लीड लिया है.नंदकिशोर ने कहा कि कुल मिलाकर देखा जाए तो बिहार के 8 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हुए, जिसमें 5 पर एनडीए ने जीत दर्ज की है. ऐसे में आरजेडी को जश्न नहीं बल्कि चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए.
आरजेडी लगातार अपने जीत का ढिंढोरा पीटने में लगी है. जाहिर है ऐसे समय में चुनाव हुआ जब आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जेल में है और प्रचार का सारा दारोमदार तेजस्वी यादव पर था. ऐसे में सीट को बचाना ही बड़ी बात थी.
आरजेडी के प्रमुख प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेन्द्र का कहना है कि जीत जीत होती है. अररिया में हम जीते हैं. वो लोकसभा का चुनाव था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तो इस्तीफा दे देना चाहिए.
बिहार में तीन सीटों पर चुनाव हुए थे जिसमें अररिया लोकसभा और जहानाबाद विधानसभा सीट पर आरजेडी की और भभुआ सीट पर बीजेपी का कब्जा बरकरार रहा.
नंदकिशोर यादव ने कहा कि ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है, इसका कोई प्रभाव 2019 के चुनाव पर नहीं पड़ने वाला है. 2009 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 32 सीटें जीती थीं, उसके बाद जो उपचुनाव हुए थे, उसमें आरजेडी, कांग्रेस और लोकजनशक्ति पार्टी की गठजोड़ से हम 18 में से 12 सीटे हार गए थे. लेकिन 2010 के विधानसभा चुनाव में हमने दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाई थी.
आरजेडी के विधायक ने उत्साह में यहा तक कह दिया कि इस परिणाम के बाद एनडीए घटक दल के नेता हमारे सम्पर्क में हैं. उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा का नाम लेते हुए कहा कि वो जल्दी ही हमारे गठबंधन में मांझी की तरह शामिल होंगे. उन्होंने यहां तक दावा किया कि जनता दल यू के 40 विधायक उनके सम्पर्क में हैं.
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला करते हुए कहा कि उपचुनाव में आरजेडी की जीत बड़ी जीत है. जीत के लिए जनता को बहुत-बहुत बधाई, साथ ही उपेंद्र कुशवाहा सहित कई नेता हमारे संपर्क में हैं जो महागठबंधन में आने वाले हैं. एनडीए का किला पूरी तरीके से ढह जाएगा.