बिहार चुनाव में फिलहाल स्थानीय मुद्दे हावी हैं। अगले हफ्ते से स्थानीय मुद्दों पर विकास और राष्ट्रवाद के भारी पड़ने के भी आसार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्तूबर के बाद से चुनाव प्रचार में जुटेंगे।

इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अनुच्छेद 370 के मामले में आक्रामक रुख का असर पर चुनाव प्रचार पर पड़ना तय है।
भाजपा चुनाव को पीएम मोदी और केंद्रीय स्तर के मुद्दों पर लाना चाहती है। ऐसा होने पर भाजपा को सियासी फायदे की उम्मीद है। पीएम अपने भाषणों में अनुच्छेद 370 को रद्द करने, तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने, राम मंदिर का निर्माण शुरू होने जैसी उपलब्धियों का जिक्र करेंगे। इस दौरान उनके भाषण में विकास को भी जगह मिलेगी।
बिहार में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। 28 अक्तूबर को पहले चरण का मतदान होना है। ऐसे में राज्य में चुनावी हलचल जारी है।
शुक्रवार को बिहार में सत्ताधारी गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) अपना घोषणा पत्र जारी कर सकता है। एनडीए एक बार फिर नीतीश कुमार की अगुवाई में राज्य में विधानसभा का चुनाव लड़ रही है। उसे एख बार फिर राज्य का सत्ता पर काबिज होने की उम्मीद है।
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