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न तो कैश लेकर जाना होगा, न ही एटीएम या डेबिट कार्ड की जरूरत होगी। यहां तक कि अगर आपके पास मोबाइल न भी हो तब भी आप आसानी से पेमेंट कर सकते हैं। ऐसे करिए इस्तेमाल अगर आप खरीदार हैं तो आपके पास आधार कार्ड या उसका नंबर होना चाहिए। एक बात का ध्यान रखना जरूरी है कि जिसका आधार नंबर होगा, उसे पेमेंट के समय उपस्थित रहना जरूरी है।
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एक बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आपका आधार नंबर आपके बैंक खाते से जरूर जुड़ा हो, वरना इस सुविधा का लाभ आप नहीं उठा पाएंगे। दुकानदार ऐसे लेंगे भुगतान दुकानदारों के पास एंड्रॉयड स्मार्टफोन तथा इंटरनेट या डेटा पैक होना जरूरी होगा।
इसी के साथ उन्हें अपने फोन पर आधार पेमेंट ऐप (कैशलेस मर्चेंट ऐप) भी डाउनलोड तथा इंस्टॉल करना होगा। इस ऐप से दुकानदार का बैंक खाता जुड़ा रहेगा। दुकानदारों को अपने मोबाइल फोन के साथ एक फिंगरप्रिंट रीडर (बायोमीट्रिक स्कैनर) भी लगाना होगा, जो लगभग 2000 रुपए में बाजार में उपलब्ध है।
एक उदाहरण से समझिए – मान लीजिए, महेश एक दुकानदार हैं और रमेश एक ग्राहक। – महेश की दुकान पर रमेश कुछ सामान लेने पहुंचे और खरीदारी के बाद बिल बना 2000 रुपए का। – अब महेश ने अपने एंड्रॉयड मोबाइल फोन पर आधार पेमेंट ऐप (कैशलेस मर्चेंट ऐप) का उपयोग शुरू किया। – सबसे पहले वो रमेश से उनका आधार नंबर मांगेंगे। इस नंबर को फीड करने के बाद ऐप में उन बैंकों के नाम की सूची आ जाएगी, जिनमें रमेश का बैंक खाता होगा। रमेश इस सूची में से बैंक का चयन करेंगे और पेमेंट की जाने वाली रकम यानी 2000 रुपए लिखेंगे। – यह काम पूरा होते ही बायोमीट्रिक स्कैनर पर उंगली रखनी होगी, जो पासवर्ड के रूप में स्वीकार की जाएगी और पेमेंट हो जाएगा।
कैशलेस ही नहीं, कार्डलेस व्यवस्था की शुरुआत 25 दिसंबर यानी अटल जी के जन्म दिवस के दिन केंद्र सरकार इस ऐप को लॉन्च करने जा रही है। इससे बाजार के मौजूदा खिलाडि़यों मास्टरकार्ड और वीज़ा के बिजनेस को धक्का लग सकता है। आधार पेमेंट ऐप का उपयोग करने का एक और लाभ यह है कि इसमें पेमेंट सर्विस फीस नहीं लगेगी। जबकि मास्टरकार्ड और वीज़ा का उपयोग करने पर यह फीस चुकानी पड़ती है।
जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, उनके लिए फायदेमंद यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे के मुताबिक, इस ऐप का सबसे ज्यादा फायदा उन्हें मिलेगा, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है। उन्होंने बताया कि इस समय देश के करीब 40 करोड़ आधार नंबर बैंक खातों से कनेक्ट हैं। उनका लक्ष्य है कि मार्च 2017 तक देश के सभी आधार कार्डों को बैंक खातों से कनेक्ट कर दिया जाए। इस ऐप को यूआईडीएआई, आईडीएफसी और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने मिलकर बनाया है।