प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को टाइम पर पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे के अधिकारी भी ‘हाई स्पीड’ में काम कर रहे हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल खुद पूरे प्रोजेक्ट पर नजर बनाए हुए हैं। वह कोशिश कर रहे हैं कि मोदी सरकार द्वारा पहले तय की गई दिसंबर 2023 की डेडलाइन की जगह इसका काम बाद में तय की गई एडवांस डेडलाइन अगस्त 2022 तक पूरा कर लिया जाए।
इसके लिए समय-समय पर होने वाली रिव्यू मीटिंग जिन्हें पहले रेलवे का कोई अधिकारी लेता था अब उनको रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ले रहे हैं। अश्विनी के साथ नीति आयोग के उपाध्यक्ष, जापानी पीएम शिंजो आबे के खास सलाहकार, केंद्र, गुजरात और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री भी मीटिंग का हिस्सा होते हैं।
अभी गुरुवार (2 नवंबर) को भी एक रिव्यू मीटिंग हुई थी जिसमें जापानी राजदूत के साथ-साथ जापानी सरकार के बड़े अधिकारी शामिल हुए थे। उस मीटिंग में भारत की तरफ से रेलवे के बड़े अधिकारी, महाराष्ट्र और गुजरात सरकार के लोग शामिल थे।
लंबाई: 508 किमी
औसत स्पीड : 250 किमी प्रति घंटा
अधिकतम स्पीड : 320 किमी प्रति घंटा
यात्रा समय : दो घंटे (मौजूदा ट्रेनें: 7 घंटे)
किराया: 3-5 हजार रुपये
लागत : 1.1 लाख करोड़ रुपये
81 फीसदी (90 हजार करोड़) जापान से ऋण
0.1 फीसदी के मामूली ब्याज पर
15 साल के बाद पुनर्भुगतान शुरू
50 साल में चुकाना है ऋण
20 हजार कंस्ट्रक्शन रोजगार
20 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार
750 लोग एक बार में करेंगे सफर
36 हजार लोग रोज करेंगे सफर
औसत स्पीड : 250 किमी प्रति घंटा
अधिकतम स्पीड : 320 किमी प्रति घंटा
यात्रा समय : दो घंटे (मौजूदा ट्रेनें: 7 घंटे)
किराया: 3-5 हजार रुपये
लागत : 1.1 लाख करोड़ रुपये
81 फीसदी (90 हजार करोड़) जापान से ऋण
0.1 फीसदी के मामूली ब्याज पर
15 साल के बाद पुनर्भुगतान शुरू
50 साल में चुकाना है ऋण
20 हजार कंस्ट्रक्शन रोजगार
20 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार
750 लोग एक बार में करेंगे सफर
36 हजार लोग रोज करेंगे सफर