अयोध्या की रहने वाली 28 वर्षीय भाविका पटेल उस वक्त सन्न रह गईं, जब उन्हें पता चला कि इजाबेल ट्रैवल्स की ध्रुती पूछ ने उनसे 10 लाख रुपए की ठगी कर ली है। पटेल ने यह रकम ध्रुती को इसलिए दी थी, ताकि वह अपने 18 माह के लड़के प्रिंस को सिंगापुर लिवर ट्रांसप्लांट के लिए ले जा सके।
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मगर, पटेल पुलिस से इस डर से शिकायत नहीं करा पा रही थीं क्योंकि उन्हें अपने पैसे डूब जाने का डर था, जो उन्होंने घर को गिरवी रखकर जमा किए थे। इसके अलावा ध्रुती के शक्तिशाली नेताओं से संबंध भी थे।
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मगर, भाविका को पता चला कि ध्रुती के खिलाफ सोला पुलिस थाने में एक परिवार ने 22 लाख रुपए की धोखा-धड़ी का एक केस दर्ज कराया था। सिंगापुर के टूर पैकेज पर यह धोखा-धड़ी हुई थी, तो उसने साहस जुटाकर पुलिस से संपर्क किया। वह मंगलवार को अपने श्वसुर गिरीश पटेल के साथ पुलिस थाने में गई।
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ध्रुती को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ और भी शिकायतें आ रही हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसके एक मां-बेटे को भी ठगा था, जिसने स्टूडेंट वीजा के लिए 19.30 लाख रुपए दिए थे।
भाविका के श्वसुर गिरीश ध्रुती के ट्रैवल बिजनेस के कारण उसे पहले से जानते थे। उन्होंने अपने पोते की बीमारी के बारे ध्रुती को बताया और कहा कि अहमदाबाद व दिल्ली के निजी अस्पतालों में इलाज के लिए 30 लाख रुपए खर्च होंगे। इस पर ध्रुती ने 12 लाख रुपए में सिंगापुर में लीवर प्रत्यारोपण की व्यवस्था कराने की बात कही।
पटेल ने वीजा की व्यवस्था कराने के लिए 10 लाख का भुगतान कर दिया। भाविका ने शिकायत में कहा कि वह खुद लीवर डोनेट करना चाहती थी और इस खबर को सुनकर उत्साहित थी। मगर, ध्रुती 10 लाख रुपए मिलने के बाद से पटेल परिवार के कन्नी काट रही थी।
जून 2016 में गिरीश और भाविका उसके कार्यालय गए, लेकिन ध्रुती बाहर कार में उनसे मिली। उसके साथ कार में कोई नेता भी था। उन्होंने पटेल और भाविका को मारने की धमकी दी। ध्रुती के गिरफ्तार किए जाने के बाद वह नेता सोला पुलिस थाने में भी आया था और वहां 30 मिनट रुका।