महज 2 फीसदी की वेतन बढ़ोतरी के प्रस्ताव का विरोध कर रहे 10 लाख से भी ज्यादा बैंक कर्मचारी आज भी हड़ताल पर हैं. इसकी वजह से महाराष्ट्र समेत देश के कई भागों में बैंकिंग लेन-देन में दिक्कतें पेश आ रही हैं. बैंक कर्मचारियों की यह हड़ताल 30 मई से शुरू हुई थी और यह आज खत्म होगी.
बैंक यूनियनों की प्रमुख यूएफबीयू (महाराष्ट्र) के संयोजक देवीदास तुलजापुरकर ने दावा किया कि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते महाराष्ट्र में कई बैंकों की शाखाएं बंद रही हैं. इसके अलावा करंसी चेस्ट बंद रहने की वजह से कई जगहों पर एटीएम से भी पैसे मिलने में दिक्कतें पेश आई हैं.
बुधवार को बैंक अधिकारियों की हड़ताल के दौरान एक अधिकारी की मौत हो गई है. पंजाब बॉर्डर पर मौजूद फाजिल्का जिले में एक पीएनबी बैंक अधिकारी की हड़ताल के दौरान मौत हो गई. फाजिल्का में ये हड़ताल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास चल रही थी. हालांकि, पुलिस अधिकारी अभी मौत का कारण जानने की कोशिश कर रहे हैं.
बैंक यूनियनें वेतन बढ़ोतरी के मुद्दे को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. दरअसल मई महीने की शुरुआत से ही बैंक यूनियनों और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) के बीच वेतन बढ़ोतरी को लेकर बात चल रही थी. हालांकि इसको लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई.
बैंक कर्मियों के मुताबिक सरकार ने नवंबर 2017 से उनकी वेतन की वृद्धि रोक रखी है. अब तक बैंक कर्मचारी यूनियनों और आईबीए के बीच 16 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, जो बेनतीजा रही.
इस हड़ताल को लेकर भारतीय स्टेट बैंक , कैनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा और पंजाब एंड सिंध बैंक पहले ही कह चुके थे कि उनके यहां बैंकिंग सेवाओं पर इसका असर देखने को मिल सकता है. उन्होंने कहा था कि हड़ताल करने वाले कर्मचारियों में से उनके बैंक के भी कर्मचारी हैं.
बैंक यूनियन AIBOC के जनरल सेक्रेटरी रविंदर गुप्ता ने कहा कि हमने हड़ताल को लेकर आईबीए को 25 दिन पहले ही नोटिस दे दिया था, लेकिन आईबीए इस दौरान बैंक कर्मचारियों के साथ समझौता करने में विफल रहा. उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारियों को उनकी मेहनत के बराबर वेतन बढ़ोतरी नहीं दी जा रही है.
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