बैंकों के निजीकरण पर बोले जेटली, अभी तैयार नहीं देश

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि भारत अभी उनके निजीकरण के लिए तैयार नहीं है। अभी आईडीबीआई बैंक को छोड़कर शेष पीएसयू बैंकों का मौजूदा चरित्र बरकरार रहेगा।
बैंकों के निजीकरण पर बोले जेटली, अभी तैयार नहीं देश
 
जेटली ने इकनॉमिस्ट इंडिया सम्मेलन में कहा कि हम ऐसे कुछ बैंकों का विलय करना चाहते हैं, जिनके लिए प्रतियोगितापूर्ण बाजार में टिकना कठिन हो सकता है।

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सिर्फ एक मामले में हम आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी घटाकर 49 फीसदी करने के बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि देश अब भी यह सोचता है कि इनमें से कुछ बैंकों ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

‘निजीकरण के ‌लिए आम राय होना जरूरी’

वित्तीय क्षेत्र में निजीकरण क्यों नहीं हो रहा है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सुधार के एक खास स्तर पर पहुंचने के लिए आपको आम राय के मामले में उस मुकाम पर पहुंचना होता है।

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देश में अधिकतर सार्वजनिक क्षेत्र की फंडिंग में प्रतिस्पर्धा के बाद भी पीएसयू बैंकों ने कहीं बड़ा योगदान किया है। उन्होंने कहा कि आम राय और राजनीतिक सोच का किसी एक जगह पर मिलना जरूरी है, जहां आप इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निजीकरण के बारे में सोचना शुरू कर सकें।

उन्होंने कहा कि कुछ सुधार हो रहे हैं, जैसे कि हमने बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी घटाकर 52 फीसदी लाने की एक नीति की घोषणा की है।

 
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