नई दिल्ली। ईवीएम में कथित छेड़छाड़ के आरोप लगाने वाले नेताओं पर चुनाव आयोग ने सबसे तगड़ा प्रहार करते हुए इसमें गड़बड़ी साबित करने की खुली चुनौती दी है। आयोग ने 1 मई से 10 मई के बीच वैज्ञानिकों, तकनीक के जानकारों और राजनीतिक दलों को ईवीएम को हैक करने के लिए कहा है।

आयोग ने यह फैसला कांग्रेस की अगुवाई में देश के 13 विपक्षी दलों के बुधवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलने के बाद लिया है| विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से ईवीएम में कथित छेड़छाड़ का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। 2009 में भी चुनाव आयोग इसी तरह की चुनौती दे चुका है। तब भी कोई भी वैज्ञानिक या राजनैतिक पार्टी ईवीएम को हैक नहीं कर पाया था।
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख कर ईवीएम पर रोक लगाने की मांग की थी। इसमें लिखा था कि, “पहली पीढ़ी की ईवीएम मशीनें सबसे कम असुरक्षित हैं, क्योंकि इनमें सबसे कम सुरक्षा इंतजाम होते हैं। हम इस बात पर बेहद हैरान हैं कि आयोग ने वीवीपीएटी मशीनें तक नहीं मंगवाई हैं। आपने वीवीपीएटी मशीनें मंगवाने की बिल्कुल भी कोशिश आखिर क्यों नहीं की?”
केजरीवाल ने कहा, “एमसीडी चुनाव करवाने के लिए आप राजस्थान से ही ईवीएम मशीनें मंगवाने पर क्यों जोर दे रहे हैं, जबकि यह स्पष्ट है कि उन ईवीएम मशीनों के साथ छेड़छाड़ की गई है।”
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