उत्तर प्रदेश विधानसभा में पाए गए कथित विस्फोटक पदार्थ के मामले में अब नया खुलासा हुआ है. इसकी जांच कर रहे एक सीनियर अधिकारी ने कहा है कि जांच में यह पता लगा है कि वह कोई विस्फोटक नहीं था, बल्कि सफेदी (पुताई) के दौरान इस्तेमाल होने वाला चिपकाने वाला पदार्थ था. जिससे पेंट को दीवार पर चिपकाने में मदद मिलती है.#बड़ी खबर: शिक्षामित्रों के मानदेय पर जल्द ही CM योगी ले सकते हैं बड़ा फैसला
अधिकारी ने बताया कि हो सकता है कि किसी मजदूर के पास यह हो और गलती से छूट गया हो. क्योंकि विधानसभा की सीसीटीवी फुटेज में पता लगा है कि वह जब सत्र नहीं चल रहा था तो वहां पर रिपेयरिंग और पेंटिंग का काम चल रहा था.
आपको बता दें कि दरअसल, 11 जुलाई को बजट सत्र प्रारंभ हुआ था. 12 जुलाई की सुबह जब सफाई कर्मचारी आए तो उन्हें संदिग्ध सामग्री प्राप्त हुई थी. आशंका व्यक्त की गई थी कि यह कोई रसायन हो सकता है. जांच में पता लगा कि यह एक खतरनाक विस्फोटक PETN था. इसकी मात्रा 100-150 ग्राम थी. गौरतलब है कि इस विस्फोटक की 500 ग्राम मात्रा पूरे विधानसभा को उड़ाने के लिए काफी है.
जिसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा में विस्फोटक (PETN) मिलने के मामले में NIA ने अपनी जांच शुरू की थी. दरअसल, गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए NIA को आदेश दिया कि NIA इस पूरे मामले की जांच करने को कहा था. गृह मंत्रालय के लिखित आदेश पर NIA ने हजरतगंज थाने लखनऊ में दर्ज FIR no 557/2017 में विधानसभा के भीतर विस्फोटक PETN मिलने की जानकारी दी गई थी.
क्या होता है PETN विस्फोटक?
यह एक शक्तिशाली प्लास्टिक विस्फोटक होता है. गंधहीन होने की वजह से इसे पकड़ना मुश्किल है. इसे मेटल डिटेक्टर और कुत्ते भी नहीं पकड़ पाते. दिल्ली हाईकोर्ट के भीतर हुए विस्फोट में इसका इस्तेमाल किया गया था. सेना इसका इस्तेमाल करती है. इसके अलावा खनन उद्योग में भी इसका इस्तेमाल होता है.