टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री को जिस दिन हटाया गया उस दिन से जुड़ी कुछ बातें सामने आई हैं। 24 अक्टूबर 2016 को जब टाटा सन्स की बोर्ड मीटिंग में मिस्त्री को निकालने का फैसला लिया गया तो उन्होंने सबसे पहले अपनी पत्नी को मैसेज करके बताया था कि मुझे नौकरी से निकाल दिया गया है। यह बात निर्मलय कुमार ने शनिवार (21 अक्टूबर) को एक ब्लॉग लिखकर बताया है। वह मिस्त्री के वक्त में टाटा कंपनी में एक्जिक्यूटिव काउंसिल के सदस्य थे। कुमार को भी मिस्त्री के साथ ही निकाल दिया गया था।

कुमार ने लिखा है कि मिस्त्री को बाहर करने के लिए टाटा कोई और रास्ता भी चुन सकती थी। ब्लॉग में आगे लिखा गया है कि मिस्त्री का कॉन्ट्रेक्ट 31 मार्च 2017 को खत्म होने ही वाला था और ऐसे में टाटा पांच और महीने इंतजार करना चाहिए था। लिखा गया है कि मिस्त्री वाले पूरे प्रकरण से टाटा ग्रुप का नाम और ब्रांड भी काफी खराब हुआ है।
कुमार जो कि फिलहाल सिंगापुर की मैनेजमेंट कंपनी में मार्केटिंग के प्रोफेसर हैं, उन्होंने लिखा है कि टाटा ने आजतक मिस्त्री को निकालने का कोई सही और ठोस कारण नहीं बताया है। कुमार ने इस पूरे प्रकरण को टाटा के 148 साल के इतिहास में सबसे अजीब बताया है।
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