बीते तीन साल में देश भर में मौजूद 19 कंपनियों ने कुल मिलाकर के 1.52 लाख करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है। यह चोरी इतनी है कि अगले 19 सालों तक बंगलुरू और मुंबई का 7 साल का महानगरपालिका का बजट चल सकता है।

वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए डाटा के अनुसार, 1 अप्रैल 2014 से 30 जून, 2017 तक में इतनी टैक्स चोरी हुई। इसके मुकाबले बंगलुरू महानगरपालिका का इस वित्त वर्ष का बजट 8 हजार करोड़ रुपये है, वहीं मुंबई महानगर पालिका का सालाना बजट 25 हजार करोड़ रुपये है।
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डायरेक्ट टैक्स में की 76 हजार करोड़ रुपये चोरी
डाटा के अनुसार, इन कंपनियों ने केवल डायरेक्ट टैक्स में 76, 239.22 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है। वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 76,535.42 करोड़ रुपये की चोरी हुई है। इसमें सर्विस टैक्स के तौर पर 47,188 करोड़ रुपये और सेंट्रल एक्साइज व कस्टम में क्रमशः 18954.28 करोड़ और 10,392.19 करोड़ की चोरी कंपनियों ने की है।
डाटा के अनुसार, इन कंपनियों ने केवल डायरेक्ट टैक्स में 76, 239.22 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है। वहीं इनडायरेक्ट टैक्स में 76,535.42 करोड़ रुपये की चोरी हुई है। इसमें सर्विस टैक्स के तौर पर 47,188 करोड़ रुपये और सेंट्रल एक्साइज व कस्टम में क्रमशः 18954.28 करोड़ और 10,392.19 करोड़ की चोरी कंपनियों ने की है।
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हालांकि वित्त मंत्रालय के पास मल्टी नेशनल कंपनियों का डाटा मौजूद नहीं है। इस साल के पहली तिमाही में कुल 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी का पता चला है।
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