योग को अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों द्वारा स्वीकार किया गया है और माना गया है कि यह शरीर को कई तरह से फायदे पहुंचाता है। अभी हाल ही में ‘फ्रंटियर्स इन इम्यूनोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित एक शोध में यह बात सामने आई है
शोध में यह बात सामने आई है कि योग और ध्यान से कमजोर सेहत और अवसाद से संबंधित जींस में परिवर्तन हो सकते हैं। यानी योग व ध्यान जैसी विधियां हमारे शरीर में सूक्ष्म स्तर पर प्रभाव डाल सकती हैं।
ध्यान, योग, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और ध्यान की चीनी क्रिया गिगोंग एवं ताईची के जैविक प्रभावों पर प्रकाशित 18 अध्ययनों के विश्लेषण से शोधकर्ताओं ने पाया कि दिमाग और शरीर की ये एक्सरसाइज शरीर में जलन, सूजन (इन्फ्लेमेशन) बढ़ाने वाले जींस की गतिविधि को शांत कर देती हैं।
अध्ययनकर्ता बताते हैं कि योग या ध्यान से लगातार हो रहे तनाव संबंधी लक्षणों को भी पलटा जा सकता है, लेकिन इसे नियमित रूप से करना जरूरी है। जो लोग ध्यान, योग नियमित रूप से करते हैं, उनमें इन्फ्लेमेशन के जैविक लक्षण कम दिखते हैं।
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