माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन नहीं होने से टीजीटी एवं पीजीटी के 13 हजार से अधिक पदों की भर्ती अटक गई है। इसमें में अकेले 2016 की विभिन्न विषयों की नौ हजार से अधिक भर्तियां शामिल हैं, जिसके लिए अक्तूबर में परीक्षा कराने की घोषणा भी की जा चुकी है। यही नहीं 2011 की चार हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती कब होगी, तय भी नहीं है।
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भाजपा सरकार के गठन के बाद से ही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में काम ठप पड़े हैं। सरकार के निर्देश पर चयन बोर्ड में भर्ती से जुड़े परिणाम, साक्षात्कार आदि रोके गए हैं। इसकी वजह से 18 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है। इसे लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू हुआ।
अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, माध्यमिक शिक्षा मंत्री से लेकर इलाहाबाद आने वाले उच्चाधिकारियों को घेरा, लखनऊ में भी मुलाकात की। फिर भी भर्ती प्रक्रिया न शुरू होने पर कुछ अभ्यर्थियों ने न्यायालय की शरण ली तो सरकार ने रोक से इनकार कर दिया।
इसी के साथ 2016 टीजीटी-पीजीटी की परीक्षा अक्तूबर में कराने की घोषणा भी कर दी थी। इस परीक्षा के लिए आवेदन करने वालों की संख्या 12 लाख से अधिक है, जबकि 2011 की परीक्षा में भी छह लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
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