भाजपा के चाणक्य कहलाने वाले अमित शाह एक बड़ा दांव खेलने की तैयारी में हैं। और दांव भी ऐसा है जिससे कांग्रेस और अन्य राजनीतिक पार्टियों में भूचाल आ जाएगा।#बड़ा हादसा: मुजफ्फरपुर में बेकाबू ट्रक ने पुलिस टीम को रौंदा, कई लोगो की हुई मौत…..
देहरादून में बीजेपी का प्रदेश मुख्यालय बलवीर रोड में जिस जगह पर स्थित है, वह पॉश इलाका माना जाता है, मगर चंद कदमों की दूरी पर बलबीर रोड बस्ती की दुनिया एकदम बदल जाती है। इससे सटी संजय कालोनी और पूरण बस्ती के भी मिलते-जुलते हालात हैं। अपने प्रेरक पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जिस अंत्योदय चिंतन को लेकर पार्टी आगे बढ़ रही है, उसके एक, दो नहीं, सैकड़ों किरदार इन बस्तियों में मौजूद हैं। ये ही कारण है कि ‘सुरक्षित’ राजपुर रोड विधानसभा क्षेत्र के इन इलाकों पर बीजेपी की निगाहें जम गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, इन्हीं में से किसी जगह दलित परिवार के यहां 20 सितंबर को अमित शाह भोजन करेंगे। इसके लिए तीन दलित परिवारों का प्रारंभिक तौर पर बीजेपी ने चयन कर भी लिया है। बलबीर रोड बस्ती का दावा सबसे मजबूत है, क्योंकि शाह बीजेपी मुख्यालय से यहां चंद मिनटों में पहुंच सकते हैं। हालांकि अंतिम निर्णय सुरक्षा और अन्य पहलुओं को जांच परख लेने पर टिका हुआ है।
शाह को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध है। अंतिम तौर पर दलित परिवार के चयन में यह एक मुख्य बाधा बन रही है। यही कारण है कि बीजेपी के कुछ नेता दलित की जगह किसी सामान्य गरीब के यहां भोजन करने का सुझाव दे रहे हैं। पार्टी ने इस सुझाव को भी अभी खारिज नहीं किया है।
हालांकि पार्टी सूत्रों के अनुसार, अमित शाह का दलित परिवार के यहां ही भोजन करने पर जोर है। और तो और पार्टी ने महिला मोर्चा के इस प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है कि संबंधित दलित परिवार के यहां बीजेपी की महिला कार्यकर्ता भोजन तैयार कर लेंगी। भले ही उत्तराखंड में दलितों की संख्या तीन से चार फीसदी हो, लेकिन पार्टी यहां से पूरे देश को दलित हित का ठोस संदेश देना चाहती है।
ये होंगे दलित परिवार के मेहमान
अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष
रामलाल, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन
शिवप्रकाश, राष्ट्रीय सह महामंत्री
श्याम जाजू, प्रदेश प्रभारी
अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष
त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री
खजान दास, कार्यक्रम संयोजक
अमित शाह जी का जोर अंत्योदय परिवार के यहां भोजन करने का है। कोई दलित क्रीमीलेयर हो, तो ऐसे परिवार को चयनित नहीं किया जा सकता। वह समाज का वास्तव में पिछडा परिवार होना चाहिए। अभी प्रारंभिक स्तर पर सारी बातें हैं, अंतिम फैसला नहीं किया गया है।
हमने कुछ स्थानों और परिवारों को लेकर मंथन किया है, लेकिन निर्णय नहीं हुआ है। प्रदेश स्तरीय नेताओं को संबंधित जगहों पर जाकर मौका मुआयना भी करना है। ये तय है कि दलित परिवार के यहां अध्यक्ष जी भोजन करेंगे और यह स्थान बीजेपी मुख्यालय से नजदीक का ही होगा।