अगर आप भी अपने बच्चे को आईआईटी व पीएमटी की कोचिंग कराना चाहते हैं तो यह खबर आपके काम की है। ज्यादातर मध्यम वर्ग परिवारों का सपना होता है कि वो अपने बच्चे को डॉक्टर या इंजीनियर बना सके, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद से उनको इस सपने को साकार करने के लिए कोचिंग इंस्टीट्यूट को बड़ी रकम चुकानी होगी।
गौरतलब है कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) पहली जुलाई से लागू होगा, जिसकी बड़ी मार ऐसे स्टूडेंट्स पर पड़ने वाली है, जो आईआईटी व पीएमटी जैसे प्रोफेशल्स कोर्सों की कोचिंग करते हैं।जीएसटी लगने के बाद से कोचिंग इंस्टीट्यूट पर भी 18 फीसदी टैक्स लगेगा, जिससे इनकी फीस में खासा इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है।
गौरतलब है कि पहले प्रोफेशल्स कोचिंग इंस्टीट्यूट पर 15 फीसदी टैक्स लगता था, लेकिन अब जीएसटी लागू होने के बाद से यह टैक्स बढ़कर 18 फीसदी हो जाएगा। इसके अलावा कोचिंग मामले में सोशल मीडिया अभियान के माध्यम से छात्रों और उनके पैरेंट्स ने जीएसटी के दायरे में कोचिंग लाने के सरकार के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है। इनकी डिमांड है कि कोचिंग में अधिकतम 5 फीसदी टैक्स लगाया जाए। बता दें कि कोचिंग इंस्टीट्यूट के इसके अलावा अलग से हॉस्टल फीस लेते हैंं।
मामले में कोटा के कोचिंग इंस्टीट्यूट में एनरोलमेंट करा चुके तथा कोचिंग करने का प्लान कर रहे स्टूडेंट्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह कोचिंग को जीएसटी के दायरे बाहर रखें।गौरतलब है कि कोटा में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा में तैयारी के लिए हर साल करीब 1.75 लाख स्टूडेंट्स शामिल होते हैं, जिनमें 60 फीसदी स्टूडेंट्स मीडियम क्लास फैमिली से आते हैं।