इसके अंतर्गत आवेदकों का पहले ऑनलाइन टेस्ट होगा, जो आवेदक उसेे पास कर लेंगे उनको ही सेना भर्ती की अगले टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा। इस नई व्यवस्था को अमल में लाने के लिए सेना एक खास सॉफ्टवेयर तैयार कर रही है।
इसी सॉफ्टवेयर के जरिये आवेदकों का पहले ऑनलाइन टेस्ट लिया जाएगा। दरअसल, सेना की खुली भर्ती के दौरान हालात बेकाबू से होने लगे हैं। अमूमन समय-समय पर तीन से 15 दिनों तक चलने वाली इन भर्तियों में 20 से 25 हजार तक अभ्यर्थी पहुंचते हैं।
भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत दौड़, कूद आदि फिजिकल टेस्ट से होती है। आलम यह रहता है कि युवाओं की भारी भीड़ को संभालना और उनके लिए व्यवस्था करना सेना के लिए मुश्किल भरा होता है।
अमूमन जिस शहर में भर्ती रैली होती है, अभ्यर्थी एक रात पहले ही वहां पहुंच जाते हैं और वहीं सड़कों व रैली मैदान में ठहरते हैं। कई तो हुड़दंग करते हैं और गंदगी भी फैलाते हैं। इतना ही नहीं दौड़ से पहले कुछ अभ्यर्थी नशे के इंजेक्शनों का भी इस्तेमाल करते हैं। इन्हीं वजहों के मद्देनजर भी सेना नई व्यवस्था पर विचार कर रही है।
दस्तावेजों की गड़बड़ियों पर नजर रखना होगा आसान
नई व्यवस्था से फर्जी दस्तावेजों पर भी आसानी से नजर रखी जा सकेगी। अब चूंकि पहले ही ऑनलाइन टेस्ट हो जाएगा, इससे अयोग्य युवा तो दौड़ टेस्ट से पहले ही छंट जाएंगे। सीमित योग्य युवा ही भर्ती के लिए आएंगे, जिससे उनके दस्तावेजों की निगरानी का काम भी आसान होगा।