शीतकालीन सत्र खत्म होने को है और गुरुवार को भी दोनों ही सदनों में हंगामा हुआ। लोकसभा और राज्यसभा में जहां विपक्ष ने नोटबंदी ओर किरण रिजिजू के मुद्दे पर हंगामा किया वहीं सत्ता पक्ष ने हमलावर होते हुए अगस्ता मामला उठाया। संसद में शीत सत्र के पहले दिन से जारी हंगामे से भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी दुखी हैं।
आतंकियों ने किया हमला, 2 जवान शहीद
टीएमसी नेता इदरिस अली ने आडवाणी का दुख बताते हुए मीडिया से कहा कि आडवाणी जी हंगामे से दुखी और अपना इस्तीफा तक देने की बात कह रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर अटल जी संसद में होते तो बहुत दुखी होते।अली के अनुसार आडवाणी ने कहा कि कोई जीते या हारे इस सब हंगामे से संसद की हार हो रही है। स्पीकर से बात करके शुक्रवार को चर्चा होनी चाहिए।
15 दिसंबर तक और खरीद लीजिए पेट्रोल-डीजल, क्योकि होने जा रहा है बड़ा फैसला
अली ने कहा कि जब मैंने आडवाणी जी से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा तो उनहोंने कहा कि मेरा स्वास्थ्य ठीक है लेकिन संसद का खराब हो रहा है। आडवाणी ने कहा कि यह सब क्या चल रहा है संसद में। वहां बहस होनी चाहिए, मुझे लग रहा है मैं इस्तीफा दे दूं।’
इससे पहले हंगामे के चलते जहां लोकसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित करनी पड़ी वहीं राज्यसभा दो बार स्थगित हुई। अंत में जब हंगामा नहीं रूका तो दोनों सदनों को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा में हंगामे के दौरान विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब सत्ता पक्ष सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहा है। मैंने नोटिस दिया है कि किसानों का कर्ज माफ हो लेकिन मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार है।
वहीं किसानों का मुद्दा उठाते हुए जदयू सांसद शरद यादव ने कहा कि किसानों का अनाज सड़ रहा है। उनके पास कुछ नहीं है।इससे पहले संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले जहां विपक्ष ने कहा कि सरकार राहुल गांधी से घबराई हुई है वहीं भाजपा ने कहा कि हम किरण रिजिजू का जवाब अगस्ता से देंगे।