सभी जानते हैं कि दीवाली का उत्सव क्यों मनाया जाता है? कहा जाता है कि इस दिन भगवान राम रावण का वध कर अयोध्या वापस लौटे थे। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे जो शायद आप नहीं जानते होंगे। दरअसल हम आज बात करने आये है कि राम भगवान की मृत्यु कैसे हुई थी?
आज हम आपको बताने वाले हैं कि भगवान राम की मृत्यु कैसे हुई थी। ये तो सभी जानते है कि सीता के धरती में समाहित हो जाने के बाद राम अकेले हो गए थे। ऐसे में उन्होंने अपना राज पाठ विधिवत अपने पुत्रों लव और कुश को सौप दिया था।
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वही पवन पुत्र हनुमान के कारण अयोध्या में एक भी मृत्यु नहीं हुई थी। इसका कारण था कि हनुमान काल को अयोध्या में प्रवेश ही नहीं करने दे रहे थे। ऐसे में ब्रह्मा जी के आदेश पर काल साधु का वेश रखकर अयोध्या आया और उसने राम से वचन लिया की अगर किसी ने राम और उनकी बात सुनी या कोई उनके कक्ष में प्रवेश करेगा तो राम को उसका वध करना पड़ेगा।
ऐसे में लक्ष्मण राम के कक्ष में आते है और काल को दिए वचन अनुसार राम को लक्ष्मण का वध करना होता है। ऐसे में गुरु वशिष्ठ राम से कहते है कि वे लक्ष्मण का परित्याग कर दे क्योकि किसी का परित्याग करना उसके वध के सामान होता है। तब लक्ष्मण दुखी होकर अपनी साँस रोककर सरयू नदी में प्रवेश कर जाते है। वही इस बात से राम भी दुखी होते है और वे भी सरयू नदी में अपने भाई भरत, शत्रुघ्न के साथ पूरी वानर सेना को लेकर इस संसार के बंधनो से मुक्त हो जाते है।