पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी विवाद बढ़ गया है। 15-16 जून की रात को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवानों के शहीद होने पर देश के लोगों में भारी गुस्सा है। यह पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में दोनों देशों के बीच हुआ सबसे बड़ा सैन्य टकराव है। इस तनाव को निपटने के लिए कई स्तरों पर पहल की जा रही है। तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में देश के करीब 20 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिसमें मौजूदा हालात पर चर्चा होगी।
बैठक में जिन्हें आमंत्रित किया गया है, वे नेता हैं सोनिया गांधी, उद्धव ठाकरे, नवीन पटनायक के. चंद्रशेखर राव, ममता बनर्जी, शरद पवार, अखिलेश यादव, मायावती एमके स्टालिन, एन. चंद्रबाबू नायडू, जगन मोहन रेड्डी, नीतीश कुमार, डी. राजा, सीताराम येचुरी, सुखबीर बादल, चिराग पासवान और हेमंत सोरेन। इसके अलावा बैठक में उत्तर-पूर्व की प्रमुख पार्टियों और केंद्रीय मंत्रियों को बुलाया गया है। इसमें उन पार्टियों को आमंत्रित किया गया है, जो मुख्य राष्ट्रीय राजनीतिक दल हों या जिन पार्टियों के लोकसभा में पांच सांसद हों।
इसमें आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल को आमंत्रित नहीं किया गया है। इन दलों को नहीं बुलाए जाने पर इन पार्टियों के नेताओं ने नाराजगी व्यक्त की है। ज्ञात हो कि आरजेडी सभी पांच सांसद राज्यसभा में हैं, लोकसभा में पार्टी के एक भी सांसद नहीं हैं। आप के लोकसभा में एक और राज्यसभा में 3 सांसद हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में चीन से विवाद को निपटने के लिए एक रणनीति बनाई जाएगी।
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