मुंबई: प्रतीकों की सियासत के दौर में प्रतिमाओं पर बहुत जोर रहता है. ऊंची से ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की होड़ रहती है. किन्तु आप जानकर चौंक जाएंगे कि देश में एक शहर ऐसा भी है जहां एक भी महान हस्ती की प्रतिमा उपस्थित नहीं है. हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के अंबाजोगाई शहर की.
यह सही है कि किसी महान विभूति को याद रखने तथा उसके आदर्शों से जनता को प्रेरित करते रहने के लिए प्रतिमा स्थापित करने का चलन काफी समय से चलता आ रहा है. फिर उस शख्स की जयंती या पुण्यतिथि पर प्रतिमा को माल्यार्पण कर प्रत्येक वर्ष उसे याद किया जाता है. ऐसे अवसर पर नेतागण भाषण आदि भी देते हैं. किन्तु यह सिक्के का एक पहलू है. असंख्य ऐसी घटनाएं भी होती हैं, जब विपरीत विचारधारा के लोग प्रतिमाओं की अवमानना करते हैं तथा यह समाज में तनाव की वजह भी बन जाता है.
वही ऐसे में इन प्रतिमाओं की सुरक्षा तथा रखरखाव के लिए भी बहुत कुछ करना पड़ता है जिसमें वक़्त तथा पैसा दोनों खर्च होते हैं. डेढ़ लाख की आबादी वाला अंबाजोगाई जिला शायद भारत का एक मात्र शहर होगा, जहां किसी भी सड़क, चौराहे पर किसी भी शख्स, नेता, समाज सेवी की प्रतिमा कभी नहीं लगाई गई है.