भारत सेवा संस्थान, इंटरनेशनल एसोसिएशन आफ इंटेग्रेटीव मेडीसिन और लखनऊ योग एसोसिएशन के सन्युक्त तात्वावधान मे विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर प्रथम बार एलोपैथी और आयुर्वेद, यूनानी, होमयोपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा तथा योग के चिकित्सकों ने मधुमेह के संदर्भ मे चर्चा की . कार्यक्रम के मुख्य अतिथी श्री भगवती सिह, पूर्व सांसद, राज्य सभा थे . कार्यक्रम की अध्यक्षता डा सूर्यकांत विभगाध्यक्ष पल्मोंरी विभाग किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय ने किया .अधिवेशन के प्रमुख वक्ता डा नरसिंह वर्मा, उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश मधुमेह संघ ने मधुमेह को नियंत्रित करने के तरीकों के बारे में बतलाते हुये कहा कि मधुमेह के मरीजों की बढती संख्या के लिये विसंगत जीवनशैली उत्तरदायी है और इससे बचने के लिये लोगो को थोड़ा थोड़ा और बार बार खाना चाहिये खाना अच्छी तरह से चबा के खाना चाहिये खाने के बीच में पानी नहीं पीना चाहिये नियामित व्यायाम करना चाहिये मौसमी फल तथा सब्जियों का भोजन में प्रयोग करना चाहिये आयुर्वेद विशेषग्य डा संदीप ओझा वरीष्ठ वैग्यानिक राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ ने बाताया कि मधुमेह के प्रमुख कारण लालच तथा अलास्य है डॉक्टर कमरूल हसन लारी ने यूनानी पद्धति से मधुमेह से बचाव के बारे में बताते हुये कहा कि मधुमेह से बचने के लिये दरिन्दो की तरह नहीं वल्कि परिन्दों की तरह खाने की सलाह दी डा उमंग खन्ना ने मधुमेह से बचने के लिये कई होमयोपैथिक दवाओं के बारे में बताया अमित खन्ना, योग विशेषग्य, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वाविद्यालाय ने मधुमेह में योग एव प्राकृतिक चिकित्सा की भूमिका पर प्रकाश डालते हुये कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा की अंतर्गत पंच तत्वों द्वारा मधुमेह का उपचार होता है एनिमा पेडू पर मिट्टी की पट्टी कटी स्नान आदि से मधुमेह में लाभ मिलता है योग में कटिचक्रासन अर्धमतस्येंद्रासान भूजांगासान भ्रमारी उज्जयी भास्त्रिका आदि अत्यंत लाभप्रद है मंचसंचालान सुश्री रक्षन्दा बेग द्वारा किया गया अंत में डा सूर्यकांत ने सभी चिकित्सा के लोगों को समग्र रूप से काम करने के लिये प्रेरित किया