अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की 1000 करोड़ डॉलर के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में इंडियन कंपनियों को फायदा मिल सकता है. इंडियन कॉमर्स सेक्रेटरी सचिव रीटा तेवतिया का कहना है कि ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन ने इंडिया में डेवलपमेंट पॉलिसी, रिफॉर्म्स और नई डेवलपमेंट प्लानिंग के लिए सरकार की तारीफ भी की है. ट्रंप ने इंडिया में सालाना 9 फीसदी की स्पीड से बढ़ रहे बिजनेस पर भी नजर है.
वॉशिंगटन यात्रा पर गए भारतीय ऑफिसर्स के इस दल में इंडियन फॉरेन सेक्रेटरी एस. जयशंकर और इंडियन कॉमर्स सेक्रेटरी सचिव रीटा तेवतिया शामिल हैं. दोनों सीनियर ऑफिसर्स ने यहां कई सीनियर अमेरिकी ऑफिसर्स के साथ मीटिंग की. वे अमेरिका में ट्रंप सरकार के नये इंफ्रास्ट्रक्चर में इंडिया के लिए गुंजाइश ढूंढने और भारत का व्यू पेश करने आए हैं.
तेवतिया ने कहा कि अमेरिका में बिजनेस और इन्वेस्टमेंट को लेकर ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन पॉजिटिव नजर आ रहा है. वे यहां इंडिया में इन्वेस्ट करने वाले यूएस कॉमर्स सेक्रेटरी विलबर रॉस से भी मिलीं. रॉस इंडो-यूएस ट्रेड काउंसिल के प्रेसिडेंट-सर्किल के मेंबर भी हैं.
मेक इन इंडिया और बाय अमेरिकन में अंतर नहीं
अमेरिकी सीनियर ऑफिसर्स से मुलाकात के दौरान भारतीय विदेश सचिव जयशंकर ने इंडिया की ‘मेक इन इंडिया’ पॉलिसी और ट्रंप की ‘बाय अमेरिकन’ पॉलिसी में कोई विरोधाभास नहीं बताया. उन्होंने कहा कि हर देश के अपने हित होते हैं, अगर यूएस इकॉनॉमी स्ट्रांग होती है, तो इससे इंडिया को फायदा होगा, क्योंकि मौके ज्यादा होंगे.
इन सेक्टर्स में निवेश कर रहे इंडिया-अमेरिका
तेवतिया के मुताबिक, “अब यहां अमेरिकी कंपनियों में इंडिया में बिजनेस आसान होने की सोच है, और जिन अमेरिकी कंपनियों ने भारत में इन्सेट किया है, उन्होंने अच्छे नतीजे दिए हैं.” तेवतिया ने कहा कि यह निवेश एकतरफा नहीं है, और इंडियन कंपनियों ने भी अमेरिका में निवेश किया है जिसमें प्रोडक्शन, कैमिकल और टेक्नॉेलॉजी जैसे सेक्टर शामिल हैं, और इससे अधिक मौके सामने आ रहे हैं.