नई दिल्ली। केंद्र सरकार के एक प्रोजेक्ट पर कई सदस्यों की एक टीम काम कर रही है। इसके अंतर्गत पहली इंडियन साइन लैंग्वेज वाली डिक्शनरी जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगी। जानकारी के मुताबिक इसे मार्च में रिलीज किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के अंतर्गत तैयार किया जा रहा है।

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अंग्रेजी वेबसाइट पर प्रकाशित खबर के मुताबिक भारतीय परिवेश को ध्यान में रखते हुए इस डिक्शनरी में छह हजार से ज्यादा अंग्रेजी और हिंदी के शब्दों को शामिल किया गया है। इनमें मेडिकल, लीगल, टेक्नीकल, एकेडमिक से जुड़े शब्द शामिल हैं जो दैनिक दिनचर्या में काम आते हैं।
इन सदस्यों की टीम का हिस्सा सचिन खुद भी हैं जो सुन नहीं सकते मगर बखूबी अपनी बात रख पाते हैं। इस काम में उनकी मदद करती हैं खुशबू सोनी जो कि इस तरह की भाषा को समझने और सिखाने में सक्षम हैं।इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर इसके ग्राफिक प्रेजेन्टेशन पर लगातार काम कर रहा है ताकि इसका उपयोग देशभर के साथ ही क्षेत्रीय इलाकों में भी किया जा सके।
साइन लैंग्वेज पर संस्थान की असिस्टेंट प्रोफेसर अंदेशा मंगला ने कहा, ‘जैसे भारत में मध्यिका के जरिए कोई मस्तक में केंद्र की ओर इशारा करे तो स्पष्ट हो जाता है कि वो बिंदी की बात कर रहा है। अगर यह संकेत पड़ोस में हो तो फिर बात नथ की हो रही होती है।’
सदस्यों को उम्मीद है कि इस डिक्शनरी के बूते देशभर के 50 लाख बहरे और 20 लाख गूंगे लोगों को मदद मिल पाएगी।
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