पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से प्रदेश में अब तक 202 लोगों की मौत हो जाने के साथ बाढ़ से 18 जिलों की 1.21 लाख आबादी प्रभावित हुई है.मायावती की चुप्पी से मुश्किल में विपक्षी एकता, जानिए- क्या हैं यूपी के सियासी नियम…
बाढ़ प्रभावित प्रदेश के 18 जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा और खगडिया में से सबसे अधिक 42 लोग अररिया में, सीतामढी में 31, पश्चिमी चंपारण में 29, सुपौल में 13, मधुबनी में 12, किशनगंज और पूर्वी चंपारण में 11, दरभंगा में 10, मधेपुरा और पूर्णिया में 9, कटिहार में 7, शिवहर, गोपालगंज, एवं सहरसा में 44, खगडिया में 3, सारण में 2, मुजफ्फरपुर में एक व्यक्ति की मौत हुई है.
राज्य सरकार के द्वारा बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित निकाले जाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. अब तक 6 लाख 25 हजार सात सौ अट्ठासी लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और 1336 राहत शिविरों में 4 लाख 22 हजार एक सौ छह व्यक्ति शरण लिए हुए हैं.
सामुदायिक रसोई घर के भरोसे 3 लाख से ज्यादा लोग
बाढ़ राहत शिविर के अतिरिक्त वैसे प्रभावित व्यक्ति जो राहत शिविरों में नहीं रह रहे हैं उनके लिए सामुदायिक रसोई घर चलाये जा रहे हैं. इस तरह कुल 1879 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं जिसमें 3 लाख 72 हजार तीन सौ चौंतीस लोगों को भोजन कराया जा रहा है.
एनडीआरएफ की 28 टीम 1152 जवानों और 118 वोट के साथ, एसडीआरएफ की 16 टीम 446 जवानों एवं 92 वोट के साथ और सेना की 7 कॉलम 630 जवानों और 70 बोट के साथ बचाव एवं राहत कार्य में जुटी हुई हैं. बाढ़ प्रभावित वैसी आबादी जो पूरी तरह से पानी से घिरी है और उन्हें निकाला भी नहीं जा सका है.
विशेषकर सुगौली और आसपास के इलाके और पश्चिम चम्पारण के गौनहा, चनपटिया, नरकटियागंज, पूर्णियां जिले के बायसी अनुमंडल, अररिया और किशनगंज के प्रभावित क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर के माध्यम से कुल 49 खेप में 19 हजार 5 सौ 83 पैकेट के द्वारा कुल 78 हजार 334 किलोग्राम सूखा राशन एयर ड्राप किया गया है.
राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश
इसके अतिरिक्त शनिवार से एक अतिरिक्त हेलिकॉप्टर सुगौली और आसपास के इलाके में सघन रूप से एयरड्रॉप का कार्य कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर शनिवार आपदा प्रबंधन विभाग प्रधान सचिव, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव, गृह रक्षा वाहिनी महानिदेशक के द्वारा किशनगंज, अररिया और पूर्णयिा में राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा और राहत शिविरों सामुदायिक रसोई एवं फूड पैकेट के पैकिंग का निरीक्षण भी किया गया.
समीक्षा के बाद राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने और बाढ़ में क्षतिग्रस्त सड़कों के युद्धस्तर पर पुनर्स्थापन किए जाने का निर्देश दिया.