सर्दियों में जुकाम होना आम है। अक्सर मौसम बदलते हुए भी बहुत से लोग छींकते, नाक पोछते मिल जाते हैं। छीकना इस दौरान सबसे ज्यादा परेशान करने वाली समस्या होती है। असल दिक्कत तो तब होती है जब हम किसी मीटिंग या शांत स्थानों पर होते हैं और तब लगातार छींक आती है। ऐसे में हम तो परेशान होते हीं हैं साथ ही आस पास के लोगों को भी काफी असुविधा होती है। इस असुविधा से बचने के लिए हम छींक को जबर्दस्ती रोकने की कोशिश करते हैं।
छींक के साथ यही चीज सबसे खतरनाक होती है। छींक को जबर्दस्ती रोकने से हमारे कानों, दिमाग, गर्दन और डायफ्राम पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हाल ही में लंदन में एक युवक छींक रोकने के करतब दिखाते हुए बुरी तरह घायल हो गया। ऐसा करने से उसकी आवाज तक चली गई। सिर्फ इतना ही नहीं, छींक रोकने की वजह से जान जाने तक का खतरा रहता है। इसके अलावा भी छींक रोकने से कई तरह के नुकसान होते हैं। तो चलिए, आपको बताते हैं कि आपको छींक रोकने की कोशिश क्यों नहीं करनी चाहिए।
2. बैक्टीरिया बढ़ेंगे – छींक शरीर को बीमार बनाने वाले बैक्टीरिया को बाहर करने का भी काम करती है। ऐसे में आप छींक को रोककर बैक्टीरिया को अपने अंदर संरक्षण देते हैं।
3. मस्तिष्क की नस फट सकती है – छींक रोकने का दबाव आपके दिमाग की नसों के लिए घातक होता है। कई मामलों में छींक रोकने से दिमाग की नसों के फटने की समस्या भी सामने आई है।
ऐसे रोक सकते हैं छींक- छींक बंद करने के लिए कुछ आसान से घरेलू उपाय आजमाए जा सकते हैं। जो बिना किसी नुकसान के आपको छींक से निजाक दिला सकते हैं।
1. अदरक से – एक कप पानी में अदरक डालकर उबाल लें और गुनगुना ठंडा होने पर इसमें शहद मिलाकर पिएं। छींक से राहत मिलेगी।
2. सौंफ की चाय से – एक कप पानी में दो चम्मच सौंफ कूचकर उबाल लें। दस मिनट तक पानी को ढंककर रख दें और बाद में छानकर चाय की तरह पिएं।
3. पिपरमिंट तेल से – एक बर्तन में पानी उबालें और उसमें पिपरमिंट तेल की 5 बूंदें मिला लें। एक तौलिए से सर ढककर भाप लें। छींक जल्द ही बंद हो जाएगी।