अभी स्नातक पाठयक्रमों के लिए अलग-अलग दो अध्यादेश लागू थे। अध्यादेश 14 (ए) सेमेस्टर प्रणाली, अध्यादेश 14 (बी) वार्षिक प्रणाली। अब इन दोनों को सरलीकृत करते हुए अध्यादेश 14 (1) बनाया गया है, जो सभी स्नातक पाठ्यक्रमों पर लागू होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का सतत क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसी दिशा में उच्च शिक्षा विभाग ने अध्यादेश 14 (1) को लागू करने का निर्णय लिया है। यह नवीन अध्यादेश प्रदेश के समस्त उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू होगा, जिससे सभी संस्थानों में एक समान क्रेडिट प्रणाली सुनिश्चित होगी।
इस अध्यादेश के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा, मूल्य संवर्धन एवं कौशल विकास को पाठ्यक्रमों में समाहित किया गया है। अभी स्नातक पाठयक्रमों के लिए अलग-अलग दो अध्यादेश लागू थे। अध्यादेश 14 (ए) सेमेस्टर प्रणाली, अध्यादेश 14 (बी) वार्षिक प्रणाली। अब इन दोनों को सरलीकृत करते हुए अध्यादेश 14 (1) बनाया गया है, जो सभी स्नातक पाठ्यक्रमों पर लागू होगा। यह कदम विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास, अनुसंधान को प्रोत्साहित करने और समाज से जोड़ने के उद्देश्य से लिया गया है।
यह होगा अध्यादेश 14 (1) में
एक समान क्रेडिट प्रणाली- नवीन अध्यादेश से सभी शिक्षण संस्थानों में एक जैसी क्रेडिट प्रणाली होगी, जिससे विद्यार्थियों को एक संस्थान से दूसरे संस्थान में स्थानांतरण लेने में आसानी होगी। श्रेणी सुधार के अवसर- इस अध्यादेश के तहत विद्यार्थियों को श्रेणी सुधार के भी अवसर प्रदान किए जाएंगे, जो पूर्व के अध्यादेश में उपलब्ध नहीं थे। मुख्य विषयों के विकल्प- पहले जहां केवल एक मुख्य विषय का विकल्प था, अब विद्यार्थी दो मुख्य विषयों का चुनाव कर सकेंगे।
ऑनलाइन पाठ्यक्रम का प्रावधान- यदि किसी संस्था में विषय उपलब्ध नहीं हैं, तो विद्यार्थियों को ऑनलाइन विकल्प चुनने की सुविधा भी दी जाएगी। भाषा अध्ययन अनिवार्य- पहले तीनों वर्षों में भाषा अध्ययन अनिवार्य नहीं था, जबकि नवीन अध्यादेश में तीनों वर्षों में भाषा अध्ययन अनिवार्य होगा।
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