महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत (Nitin Raut), ऊर्जा सचिव और महाप्रबंधक के खिलाफ मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। मनसे का कहना है कि बिजली बिल में रियायत के बारे में किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने बीती 26 जनवरी को नया फरमान सुनाया था। आदेश के अनुसार उद्योगपति अडानी और ऊर्जा मंत्री नितिन राउत के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत मनसे कार्यकताओं को मुंबई और महाराष्ट्र के अलग-अलग पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कहा गया था।
ज्ञात हो की ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने बिजली बिल में छूट देने की मांग की थी लेकिन अब अपनी बात से पलट गए हैं। इसे लेकर ही मनसे ने आवाज बुलंद की है। मुंबई उपनगर में अडानी की कंपनी ही बिजली सप्लायी करती है। मनसे कार्यकर्ता अब राज्य भर में जहां-जहां अडानी की कंपनी द्वारा बिजली की आपूर्ति की जाती है एफआइआर दर्ज करवाएंगे। मुंबई और महाराष्ट्र के लोगों ने बिजली कंपनियों से बिजली बिल को कम करने की मांग की थी लेकिन कंपनी ने उनकी मांग को ठुकरा दिया।
दरअसल कोरोना काल में लोगों के बिजली के बिल ज्यादा आये थे। ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने बिजली के बिल को कम करने का आश्वासन भी दिया था। हालांकि बाद में अपनी बात से मुकर गए। दूसरी ओर बिजली बिल अदा करने के लिए भी लोगों पर दबाव डाला जा रहा था। इसे लेकर ही मनसे कार्यकताओं ने बिजली कंपनियों के खिलाफ आंदोलन छेड़ा है।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने क्या कहा
वहीं राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का इस मामले में कहना था कि बिजली के बिल पर छूट देनी है या नहीं इस बड़े निर्णय का हक किसी एक मंत्री का नहीं है बल्कि इस पर समूचे मंत्रिमंडल के सहमति जरूरी होती है। इस विषय में विस्तार से चर्चा के बाद ही अहम निर्णय लिया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण राज्य सरकार के तिजोरी खाली पड़ी है, ऐसे संकट के समय में बड़े फैसले लेने से पहले सबकी सहमति जरूरी है।