महिलाओं के गले से चेन छीनने की घटनाओं व अकेली महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के लिए गुजरात सरकार आईपीसी की सजा को 5 से दस वर्ष तक बढ़ाना चाहती है। सरकार की सिफारिश को राज्यपाल ओपी कोहली की मंजूरी मिल जाती है तो राज्य में महिला के गले से चेन छीनने व उन्हें जख्मी करने पर 7 से 10 वर्ष की सजा व 25 हजार रुपये जुर्माना लग सकता है।
गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने बताया कि मंदिर, बैंक व भीड़भाड़ वाले इलाकों में महिलाओं व युवतियों के गले से सोने की चेन, मंगलसूत्र छीनने, हाथ से मोबाइल, पर्स आदि महंगी वस्तुएं छीनने की घटनाएं आम हो गई हैं। सरकार व पुलिस की सख्ती के बावजूद असामाजिक तत्व इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने में कामयाब हो जाते हैं। इसलिए इन पर शिकंजा कसने के लिए सरकार सजा को 5 साल से बढ़ाकर 10 साल करेगी। भारतीय दंड संहिता की धारा 379 में 379 क तथा 379 ख जोड़कर सजा को सख्त किया जाएगा। इसके लिए सरकार विधानसभा में अध्यादेश लाने वाली है। गौरतलब है कि विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में सरकार यह अध्यादेश ला सकती है।
जाड़ेजा ने कहा कि मंदिर- बैंक के आसपास या भीड़ वाले इलाकों पर आने-जाने वाली महिलाओं का पर्स या मंगलसूत्र छीने जाने की घटनाएं बनती हैं। मुख्यमंत्री ने इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सुझाव दिए। वर्तमान आईपीसी की धाराओं के अनुसार, चोरी के लिए तीन वर्ष की सजा व जुर्माना का प्रावधान है। यह बहुत कम है। इसे ध्यान में रखते हुए इस अध्यादेश द्वारा आईपीसी की नई धारा 379 (क) और 379 (ख) को शामिल किया जाएगा। इस अध्यादेश के आधार पर चेन छीनने के प्रयास करने वाले को कम से कम पांच वर्ष और अधिक से अधिक 10 वर्ष की सजा का प्रावधान होगा, जबकि चेन जैसी वस्तु की चोरी करने वाले को सात वर्ष की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना किया जाएगा।
चेन छीनने वाला व्यक्ति भागने के इरादे से किसी को घायल करे या भय का माहौल पैदा करे तो उसे अधिकतम सात वर्ष की सजा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त 379 (ख) के अनुसार छीनी गई वस्तु अपने पास रखने के लिए किसी व्यक्ति को मौत के घाट उतारने या अवरोध पैदाकर घायल करने के लिए कम से कम सात और ज्यादा से ज्यादा 10 वर्ष की जेल तथा 25 हजार रुपये जुर्माना होगा। इस अध्यादेश के कारण चैन खींचने वालों को सख्त सजा हो सकेगी
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