विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का मानना है कि आज का विद्यार्थी कल का भारत है। और भविष्य का भारत आत्मनिर्भर भारत है। यह तभी संभव होगा, जब अपनी शख्सियत को खुद से गढ़ेंगे। दुनिया तभी हमें स्वीकार भी करेगी। केंद्रीय मंत्री बुधवार मिरांडा हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। मॉडल यूनाइटेड नेशन (एमयूएन) की तरफ से बुलाए गए इस युवा संवाद का विषय ”भारत का भविष्य” रखा गया। इस मौके पर उन्होंने युवाओं को कामयाबी के मंत्र भी बताए।
विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा कि आज युवाओं को कॉलेज में मिलने वाली अकादमिक शिक्षा के साथ-साथ डिजिटल साक्षरता पर भी गंभीरता से काम करना चाहिए। जितना हो सके, इसके बारे में सभी जानने की कोशिश करें। शिक्षित रहें, और साथियों को भी तकनीकी तौर-तरीकों से शिक्षित करें। अपनी जो छवि हम दुनिया में गढ़ना चाहते हैं, उसमें प्रतिभा और तकनीक बड़ी मददगार साबित होगी।
इस दौरान उन्होंने जीवन-मंत्रों के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। वैश्विक लोकतंत्र सूचकांक में भारत का स्थान नीचे रहने पर स्पष्टीकरण देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा इसलिए है कि सालों से दुनिया की राजनीति कुछ गिने-चुने देशों के नियंत्रण में है और उनके अपने खुद के एजेंडे व राजनीतिक पूर्वाग्रह हैं। इस्राइल-फलस्तीन विवाद पर बोलते हुए एस. जयशंकर ने कहा कि इस्राइल में पिछले साल सात अक्तूबर को आतंकी हमला हुआ, उसकी हम निंदा करते हैं।
अलग-अलग वक्ताओं ने रखी अपनी बात
इससे पहले उद्घाटन सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय की कुलानुशासक और कालेज की अध्यक्ष प्रो. रजनी अब्बी ने कहा कि भविष्य के भारत के निर्माण के लिए भविष्य में भी इस प्रकार की चर्चाएं होनी चाहिए। यह छात्रों को नेतृत्व कौशल, शोध, लेखन, सार्वजनिक स्थान पर बोलने और समस्या सुलझाने में काफी मददगार साबित होंगी। वहीं, डीयू के डीन बलराम पाणी ने कहा कि आज के विद्यार्थी भविष्य के भारत को साकार करने की सामर्थ्य रखते हैं। कॉलेज की प्राचार्या विजय लक्ष्मी नंदा के अनुसार भारत विश्वामित्र बनने की ओर अग्रसर है। इस दौरान विभिन्न कॉलेजों से लगभग 400 विद्यार्थी मौजूद रहे।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features