लखनऊ: पालीटेक्निक की छात्रा#SanskritiRai का लखनऊ पुलिस ने आखिरकार खुलासा कर दिया। संस्कृति राय की हत्या लूट के इरादे से की गयी थी। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस ने पकड़े गये आरोपी के पास से संस्कृति राय का लूटा गया बैग, 2200 रुपये, कापी और अन्य कुछ दस्तावेज बरामद किये हैं। इस वारदात में शामिल फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम लगी है।
एडीजी जोन राजीव कृष्णा ने बताया कि पालीटेक्निक छात्रा संस्कृति राय की हत्या के मामले में छानबीन कर रही पुलिस को मोबाइल फोन रिकार्ड, सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और मुखबिर से कई अहम सुराग मिले थे। पुलिस ने कई लोगों से अलग-अलग बिन्दु पर बातचीत की। शुरू से ही पुलिस इस मामले में यह बात मान कर छानबीन कर रही थी कि संस्कृति की हत्या के पीछे शायद लूट मकसद हो सकता है, पर पुलिस के पास इस बात को साबित करने के लिए कोई सुबूत नहीं था।
वहीं दूसरी तरफ इस मामले की छानबीन एसटीएफ को दे दी गयी। एसटीएफ की टीम ने छानबीन शुरू की पर उसको कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी। इस बीच गाजीपुर पुलिस को इस बात का सुराग मिला कि संस्कृति राय मुंशी पुलिया से एक आटो में बैठकर बादशाहनगर रेलवे स्टेशन के लिए निकली थी। पुलिस ने जब सर्विलांस की मदद ली तो कुछ नम्बर पुलिस के हाथ निकले। इस आधार पर काम करते हुए पुलिस को सीतापुर के रामपुर कला के रहने वाले राजेश रैदास के बारे में पता चला।
पुलिस ने जब उसका इतिहास खंगाला तो जानकारी मिली कि वह पेशेवर अपराधी है और उसके खिलाफ 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह रामपुर कला का हिस्स्ट्रीशीटर है। राजेश मौजूदा समय में अलीगंज गल्लीमण्डी के पास झोपट-पट्टी में रहता है। इस आधार पर बुधवार की रात गाजीपुर पुलिस ने राजेश रैदास को उठाया। पूछताछ शुरू की गयी तो पहले तो उसने पुलिस को गुमराह किया। इसके बाद पुलिस जब उसके घर पहुंची और तलाशी ली तो पुलिस को राजेश के घर से संस्कृति राय का बैग, 2200 रुपये, बैग में रखी नोटबुक, घरवालों के कुछ फोटोग्राफ और अन्य दस्तावेज मिल गये।
इसके बाद पुलिस ने राजेश से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपने तीन साथियों संग मिलकर लूट के इरादे से संस्कृति राय की हत्या करने की बात कुबूल ली। एडीजी जोन ने बताया कि इस हत्या में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। एक आरोपी यूपी से भागा हुआ है, पुलिस की टीम उसकी धर-पकड़ के लिए राज्य से भरा गयी है। एडीजी जोन ने संस्कृति राय की हत्या का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 20 हजार रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है।
इस तरह की गयी थी हत्या
एडीजी जोन राजीव कृष्णा ने बताया कि पकड़े गये आरोपी राजेश के साथ उसके तीन साथी एक आटो में सवार थे। संस्कृति राय को आटो में बैठाने से एक घंटा पहले सभी ने मिलकर गल्लामण्डी के पास देशी शराब के ठेके पर शराब पी थी। इसके बाद आरोपियों ने लूट का प्लान बनाया। वह लोग आटो लेकर मुंशी पुलिया पहुंचे। साढ़े आठ बजे के करीब संस्कृति राय बैग लेकर मुंशी पुलिया पहुंची। वह बादशाहनगर रेलवे स्टेशन जाने के लिए सवारी तलाश रही थी। इस बीच आरोपी उसके पास आटो लेकर पहुंच गये। संस्कृति राय ने बादशाहनगर रेलवे स्टेशन जाने की बात कही। इस पर पीछे बैठे दो लोग उतर गये। संस्कृति राय पीछे वाली सीट पर बैठ गयी। आटो चालक ने इसके बाद उन दोनों लोगों को फिर से बैठा लिया जो लोग उतर गये थे और चालक ने दोनों सवारी बताया।
आरोपियों ने इस रूट का किया था प्रयोग
आईजी रेंज सुजीत पाण्डेय ने बताया कि मुंशी पुलिया से आटो चलने के कुछ ही देर के बाद आरोपियों ने संस्कृति राय को पकड़ लिया था। इसके बाद आरोपियों ने उसका मुंह कसकर दबा दिया, ताकि वह शोर न मचा सके। मुंशी पुलिया के बाद आरोपी कलेवा, सी ब्लाक, अम्रपाली चौराहा, सेक्टर 25, टेढ़ी पुलिया, भिठौली होते हुए घैला पुल पहुंचे थे। भिठौली के पास आरोपियों ने संस्कृति राय से उसका बैग छीनने की कोशिश की भी, पर उसने विरोध कर दिया था। इस पर एक आरोपी ने संस्कृति राय पर असलहा तान दिया था। असलहा देख संस्कृति राय सहम गयी थी और आरोपी उसको लेकर घैला पुल तक पहुंच गये थे।
आरोपियों ने पुल की रेलिंग से टकराया था संस्कृति का सिर
पकड़े गये आरोपियों ने बताया कि घैला पुल के पास एक सुनसान जगह पर उन लोगों ने आटो को रोक दिया। इसके बाद आरोपियों ने फिर से संस्कृति राय से बैग छीनने की कोशिश की, पर उसने फिर से विरोध कर दिया। विरोध होने पर आरोपियों ने पुल की रेलिंग से संस्कृति राय का सिर टकरा दिया था, जिससे उसको गंभीर चोट लगी थी और वह बेहोश हो गयी थी। इसके बाद आरोपियों ने उसका बैग छीना और उसको पुल के दूसरी तरह अधमरी हालत में छोड़कर फरार हो गये।
8 लाख मोबाइल नम्बर को खंगाला गया था
एडीजी जोन राजीव कृष्णा ने बताया कि संस्कृति राय हत्याकाण्ड पुलिस के बहुत बड़ी चुनौती थी। पुलिस के पास इस हत्या के खुलासे के लिए कोई सुबूत और साक्ष्य नहीं थे। संस्कृति की हत्या पूरी तरह ब्लाइंड मर्डर केस था। इस घटना को लेकर पुलिस ने 278 आटो चालकों, 372 ओला, ऊबर चालकों और संस्कृति राय से जुड़े दर्जनों लोगों से पूछताछ की थी। वहीं संस्कृति राय के घर से लेकर घटनास्थल के पीछे 9 मोबाइल टावर लगे थे। पुलिस ने सभी मोबाइल टावरों से करीब 8 लाख मोबाइल फोन का डाटा बीटीसी से निकाला था। एक-एक कर खंगालने के बाद पुलिस ने 8 लाख लोगों के मोबाइल फोन से 20 हजार नम्बर को अलग किया था। इसके बाद इन 20 हजार लोगों के मोबाइल नम्बर की मदद से संस्कृति राय के मोबाइल फोन और आरोपियों के मोबाइल फोन की लोकेशन मिलान करायी गयी, तब जाकर कुछ नम्बर सामने आये। 15 किलोमीटर के दायरे में पुलिस ने कंट्रोल रूम के सीसीटीवी कैमरे से लेकर प्राइवेट लोगों के कैमरों की फुटेज निकाली थी।
दो फुटेज में पैदल जाते दिखी थी संस्कृति
एडीजी ने बताया कि इन्दिरानगर से मुंशी पुलिया के बीच दो जगह संस्कृति राय की फुटेज पुलिस को मिली थी। पहली फुटेज रात 8.27 मिनट और दूसरी फुटेज 8.31 मिनट की थी। दोनों फुटेज में संस्कृति राय बैग टांगे हुए पैदल जाते दिख रही थी। उसके आगे और पीछे कोई भी संदिग्ध नहीं नज़र आया।
अकेले महिलाओं के सफर पर उठे फिर सवाल
एक तरफ जहां पुलिस ने संस्कृति राय की हत्या का खुलासा कर दिया है, वहीं इस खुलासे ने शहर में महिलाओं के सफर पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं। खासकर रात के वक्त अकेली सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा सवाल के घेरे में है। बदमाशों ने जिस तरह तेज तर्रार पालीटेक्निक की छात्रा संस्कृति राय को अपना शिकार बनाया, उससे यह साफ जाहिर होता है कि शहर में रात के वक्त अकेले महिलाओं का सफर करना सुरक्षित नहीं है। इस सनसनीखेज हत्या का खुलासा करने वाले अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं कि रात के वक्त चलने वाले आटो व कैब वालों की निगरानी बेहद जरूरी है। खुद एडीजी जोन ने बताया कि अब पुलिस को इस बात की जिम्मेदारी दी जा रही है कि वह शहर में आटो, टैम्पो व कैब चलाने वालों का सत्यापन करे और उनकी समय-समय पर चेकिंग भी करे। वहीं उन्होंने बताया कि शहर में कुछ जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की आवश्यकता है। उसके लिए भी काम शुरू किया जा रहा है। पुलिस हाईवे पर कुछ जगहों पर कैमरे लगाने की सोच रही है।