राजनीतिक दलों की तैयारियों से लोकसभा का चुनाव अब नजदीक दिखने लगा है। राजनीतिक समीकरणों पर चर्चा, कयासबाजियां और अफवाहें गति पकड़ रही हैं। 2019 में बिहार किसके सिर पर ताज रखेगा और कौन धराशाई होगा, इसे लेकर विश्लेषण और आकलन किए जाने लगे हैं।
भाजपा की बात करें तो बिहार में पार्टी के आला नेताओं से लेकर बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं को क्षेत्र के मठ, मंदिर, आश्रम, लोक देवता के प्रमुखों और पुजारियों की शरण में पहुंचने का टास्क थमा दिया है। प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी पदाधिकारियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं से बाकायदा संपर्क से संबंधित सूची भी तलब की है।
जनाधार विस्तार को ले ये कोशिश
दरअसल, भाजपा ने प्रदेश पदाधिकारियों की गत दिनों संपन्न हुई बैठक में क्षेत्रीय प्रभारियों से लेकर मंच, मोर्चा, प्रकोष्ठ और विभागों के साथ अनुषांगिक संगठनों के नेतृत्व संभाल रहे संयोजक और अध्यक्षों को आगामी चुनौतियों से अवगत कराते हुए यह जिम्मेदारी दी है। पार्टी इस पहल को जनाधार विस्तार का अहम कड़ी मान रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता बताते हैं कि पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ ने साधु, संत और महंतों से संपर्क अभियान के निहितार्थ के बारे में नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों को अवगत कराया दिया है।
उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव 2014 के अलावा विभिन्न प्रदेशों में भाजपा या गठबंधन की सरकार बनाने में महंत और साधु की बड़ी भूमिका रही। दर्जनों ऐसे साधु-संत हैं जिनके अनुयायी की राज्य में बड़ी संख्या हैं। प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी पदाधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अभी से अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए समय रहते चेत जाएं।
मोबाइल और वाट्सएप नंबर तलब
पार्टी ने संगठन गढऩे वाले नेताओं से लेकर शक्ति केंद्र प्रभारियों को संबंधित क्षेत्र के मठ, मंदिर, आश्रम, लोक देवता के प्रमुखों और पुजारियों के मोबाइल नंबर और वाट्सएप नंबर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कहा है कि शक्ति केंद्र वार नाम, मोबाइल नंबर और वाट्सएप नंबर की सूची प्रदेश मुख्यालय को उपलब्ध कराएं।
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