आज इसरो के लिए बड़ा दिन है। इसरो का सबसे महत्वपूर्ण मिशन आज से शुरू हो रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान के जरिए बुधवार को दूरसंवेदी उपग्रह रिसोर्ससैट-2ए का प्रक्षेपण करेगा. दूरसंवेदी उपग्रह रिसोर्ससैट- 2ए को लेकर पीएसएलवी-सी 36 सुबह के करीब दस बजकर 25 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से उड़ान भरेगा।
इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, प्रक्षेपण के लिए चीजें योजना के अनुरूप चल रही हैं। मंगलवार रात 36 घंटे की उलटी गिनती शुरू करने वाले अंतरिक्ष एजेंसी ने बुधवार को कहा कि पीएसएलवी-सी36 में मोनो मिथाइल हाइड्राजिन (एमएमएच) ईंधन और मिक्स्ड ऑक्साइड्स ऑफ नाइट्रोजन ऑक्सीकारक को भरने का चौथा चरण पूरा हो गया है।
यह पीएसएलवी की 38वीं उड़ान है। इसके तहत यह प्रक्षेपण यान 1235 किलोग्राम वजन के रिसोर्ससैट-2 ए को सूर्य की समकालिक कक्षा में स्थापित करेगा। रिसोर्ससैट-2ए एक दूरसंवेदी उपग्रह है, जिसका लक्ष्य इससे पहले वर्ष 2003 में प्रक्षेपित रिसोर्ससैट-1 और वर्ष 2011 में प्रक्षेपित रिसोर्ससैट-2 के कार्यों को आगे बढ़ाना है।
दूरसंवेदी डेटा सेवाएं जारी रखना है मकसद इसका लक्ष्य वैश्विक उपयोगकर्ताओं के लिए दूरसंवेदी डेटा सेवाएं जारी रखना है. यह अपने पूर्ववर्ती उपग्रहों की तरह के तीन उपकरणों को लेकर जाएगा। इससे पहले कार्यक्रम के अनुसार उपग्रह को 28 नवंबर को प्रक्षेपित किया जाना था. उपग्रह के मिशन का जीवनकाल पांच वर्षों का है।
अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार उड़ान भरने के करीब 18 मिनट बाद 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी-सी 36 के 1235 किलोग्राम वजन के रिसोर्ससैट-2 ए उपग्रह को सूर्य की समकालिक कक्षा में स्थापित किए जाने की संभावना है। रिसोर्ससैट- 2 ए उच्च क्षमता वाला एक लिनियर इमेजिंग सेल्फ स्कैनर कैमरा, मध्यम क्षमता वाला एक एलआईएसएस-3 कैमरा और एक अत्याधुनिक सेंसर कैमरा ले जाएगा, जिनका इस्तेमाल विभिन्न बैंड के लिए किया जाता है।