कृष्ण जन्माष्टमी पर मुंबई में दही-हांडी उत्सव के दौरान दोपहर दो बजे तक 36 गोविंदा घायल हो गए हैं। लड़कों का ग्रुप मैदान, सड़क या कम्पाउंड में इकट्ठा होता है और एक पिरामिड बनाकर जमीन से 20-30 फुट ऊंचाई पर लटकी मिट्टी की मटकी को तोड़ते हैं।
महाराष्ट्र, गुजरात और द्वारका में दही हांडी की प्रथा काफी प्रसिद्ध है, जहां मटकी को दही, घी, बादाम और सूखे मेवे से भरकर लटकाया जाता है। लड़के ऊपर लटकी मटकी को फोड़ते हैं और अन्य लोग लोकगीतों और भजनों पर नाचते-गाते हैं। 9 लेयर में नीचे-ऊपर तक एक पिरामिड बनाते हैं और हांडी को तोड़ने के लिए 3 मौके दिए जाते हैं। पुरस्कार के रूप में प्रतिभागियों को रुपए दिये जाते हैं।