महाराष्ट्र के दो आरोपी मंत्रियों सुभाष देसाई और प्रकाश मेहता के इस्तीफे की पेशकश मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने ठुकरा दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि दोनों मंत्रियों पर लगे आरोपों की जांच पूरी होने के बाद वह इस्तीफे पर विचार करेंगे। गृह निर्माण मंत्री प्रकाश मेहता एवं उद्योग मंत्री सुभाष देसाई पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।सहमति से विवाद सुलझाए सिंघानिया परिवार: हाई कोर्ट
मेहता पर लगे आरोपों की जांच मुख्यमंत्री शुक्रवार को लोकायुक्त एमएल तहलियानी को सौंप चुके हैं। जबकि देसाई पर एमआइडीसी के लिए भूमि अधिग्रहण में घोटाले के आरोपों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपी गई है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा कोटे के मंत्री मेहता ने शुक्रवार को ही इस्तीफे की पेशकश की थी, जबकि शिवसेना के मंत्री सुभाष देसाई ने शनिवार को। मुख्यमंत्री ने दोनों मंत्रियों का प्रस्ताव यह कहते हुए ठुकरा दिया कि अभी इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है। जांच पूरी होने के बाद इस पर विचार किया जाएगा।
सुभाष देसाई शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के करीबी माने जाते हैं। उन पर नाशिक में एमआइडीसी के लिए भूमि अधिग्रहण करते हुए कुछ भवन निर्माताओं को लाभ पहुंचाने का आरोप है। लेकिन, उद्धव ठाकरे ने उनका पक्ष लेते हुए विपक्ष पर तीखा प्रहार किया है।
उद्धव ने कहा कि अपने कार्यकाल में सिंचाई, आदर्श, लॉटरी और कोयला घोटाला करनेवाले आज हम पर जिस प्रकार कीचड़ उछालने की कोशिश कर रहे हैं, वह लज्जास्पद है। उद्धव के अनुसार, वे स्वयं और पूरी पार्टी सुभाष देसाई के साथ मजबूती से खड़ी है। देसाई ने भी कहा कि वह खुद पर लगे आरोपों की किसी भी स्तर पर जांच के लिए तैयार हैं।